कॉप 26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा, कॉप 27 से पहले जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए भारत के दौरा पर आयेंगे
कॉप 26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा 21-22 जुलाई 2022 तक भारत के दौरा पर आयेंगे।
- कॉप 26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा भारत के महत्वाकांक्षी कॉप 26 प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन में शामिल प्रमुख मंत्रियों और जलवायु पारिवर्तन से संबंधित नेताओं के साथ बैठक करेंगे
- वह इस कार्य में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को देखने के लिए एक सौर अनुसंधान सुविधा का दौरा भी करेंगे,वह ग्लासगो जलवायु समझौते के वैश्विक स्तर के कार्य को करने के लिए दबाव डालना जारी रखें हैं
- कॉप अध्यक्ष स्थानीय समुदायों से मिलेंगे और पूरे भारत में अत्यधिक गर्मी की लहर में बाहर रहने और काम करने वालों के अनुभव को प्रत्यक्ष रूप से सुनेंगे
कॉप26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा 21-22 जुलाई 2022 तक भारत के दौरा पर रहेंगे। ग्लासगो मेंकॉप 26 के बाद और आनेवाले समय में भारत द्वारा जी-20 अध्यक्षता ग्रहण करने के राह में,यह यात्रा जलवायु नीति पर भारत के साथ फिर से जुड़ने के साथ-साथ ग्लासगो जलवायु संधि की प्रगति और इससे संबंधित आवश्यक कार्य को सशक्त और समर्थन करने का अवसर है।
कॉपअध्यक्ष के रूप में भारत के अपने तीसरे दौरा पर, आलोक शर्मा सभी देशों से अद्यतन जलवायु प्रतिबद्धताओं के लिए दबाव डालने में ब्रिटेन के कॉपअध्यक्षता का काम जारी रखेंगे, इसके लिए वह भारत की महत्वाकांक्षी जलवायु योजनाओं और स्मार्ट ग्रिड उन्नयन, इलेक्ट्रिक वाहनों और सस्ती ऊर्जा भंडारण पर प्रगति पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और जलवायु और ऊर्जा नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
श्री शर्मा दिल्ली में राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) परिसर में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के मुख्यालय का दौरा करेंगे। वहां, वह नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को प्रत्यक्ष रूप से देख्नेगे, और चर्चा करेंगे कि ग्रीन ग्रिड्स इनिशिएटिव - वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (जीजीआई-ओएसओडब्ल्यूओजी) को कैसे आगे बढ़ाया जाए, जो ब्रिटेन-भारत साझेदारी का एक उत्पाद है जो की हरित ऊर्जा बुनियादी ढांचे के लिए वैश्विक समर्थन को मजबूत करने पर केंद्रित है।
दिल्ली में श्री शर्मा भारत सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा आयोजित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर ब्रिटेन-भारत पहलों के संयुक्त शुभारंभ में भाग लेंगे। ब्रिटेन सरकार और नीति आयोग के बीच साझेदारी ने ब्रिटेन के कॉप26 अध्यक्षता के तहत शुरू की गई शून्य उत्सर्जन वाहन (जेडईवी) पहलों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह कॉप 26 के बाद के प्रगति पर एक अपडेट सुनने और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे (सीडीआरआई) के लिए केंद्र का दौरा करेंगे।
जैसा कि भारत में रिकॉर्ड गर्मी की लहर दर्ज किए गए हैं, श्री शर्मा स्थानीय समुदाय के साथ यह सुनने के लिए भी मिलेंगे कि जलवायु परिवर्तन उन्हें प्रत्यक्ष रूप से कैसे प्रभावित कर रहा है और यह समझने के लिए कि अत्यधिक गर्मी वाले शहर में उनकी आजीविका कैसे प्रभावित होती है।
कॉप26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा:
नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित बढ़ती योजना और जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा को चरणबद्ध करने की प्रतिबद्धताओं के साथभारत का हरित संक्रमण गति पकड़ रहा है। मैंने पहले भी उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों के लिए भारत की सराहना की है और वास्तव में विश्वास किया है कि अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का इससे एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कम कार्बन उत्सर्जन और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर बढ़ने में ब्रिटेन, भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। कॉप27 और एनडीसी संश्लेषण रिपोर्ट की समय सीमा से पहले इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, मैं यह पता लगाने के लिए उत्सुक हूं कि ब्रिटेन अपनी कॉप26 प्रतिबद्धताओं को कार्रवाई में बदलने में भारत का सहायता कैसे कर सकता है।
भारत की अपनी यात्रा के बाद, कॉपअध्यक्ष मिस्र में कॉप27 से पहले मजबूत जलवायु कार्रवाई के समर्थन में सरकारों, राज्यों, व्यवसायों और सिविल सोसाइटी के साथ जुड़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेंगे, फिर फिजी के दौरा पर जाएंगे।
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पृष्ठभूमि
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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को 2015 में भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से सौर ऊर्जा की तैनाती बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था। अब ब्रिटेन सहित 100 से अधिक सदस्य देश हैं, जो यूरोप और अन्य क्षेत्र के उपाध्यक्ष के रूप में आईएसए की संचालन समिति में बैठते हैं। कृपया अधिक जानकारी के लिए आईएसए वेबसाइट पर जाएँ।
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ग्रीन ग्रिड्स इनिशिएटिव (जीजीआई) को ब्रिटेन सरकार द्वारकॉप 26 तक के निर्माण में अपनाया गया था और व्यापक ऊर्जा संक्रमण अभियान के हिस्से के रूप में एक महत्वपूर्ण पहल का गठन किया गया था। जैसा कि ‘भारत-ब्रिटेन भविष्य के संबंधों के लिए 2030 रोडमैप’ में सहमति व्यक्त की गई थी, प्रधान मंत्री मोदी और जॉनसन ने कॉप26 में ‘ग्रीन ग्रिड्स इनिशिएटिव - वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ (जीजीआई-ओएसओडब्लूओजी ) का शुभारम्भ किया, और वन सन डिक्लेरेशन के साथ, जिसे 90 से अधिक देशों द्वारा समर्थन दिया गया था। अप्रैल 2022 में, प्रधान मंत्रियों ने भारत के आगामी जी 20 अध्यक्षता के तहत इस पहल को महत्वपूर्ण बनाने पर सहमति व्यक्त की। अधिक जानकारी के लिए कृपया कॉप26 वेबसाइट पर जाएँ ।
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शून्य उत्सर्जन वाहन परिवर्तन परिषद (जेडईवीटीसी) ब्रिटेन केकॉपअध्यक्षता द्वारा स्थापित एक जेडईवी पहल है, जो इस परिवर्तन में तेजी लाने के लिए एक साथ काम करने के लिए विश्व के सबसे बड़े कार बाजारों की सरकारों को एक साथ लाती है। कॉप26 में,जेडईवीटीसी ने अपनी कार्य योजना में चार प्राथमिकताएं निर्धारित कीं:
- शून्य उत्सर्जन भारी शुल्क वाहनों के लिए परिवर्तन और प्रौद्योगिकी विकल्पों की गति
- चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे;
- कार्बन डाइऑक्साइड या ईंधन दक्षता मानक और नियम;
- यह सुनिश्चित करना कि जेडईवी संक्रमण वास्तव में वैश्विक है।