ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज की भारत और भूटान की सात दिवसीय यात्रा की शुरुआत की तैयारी
रॉयल हाइनेस ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज भारत और भूटान की अपनी सात दिवसीय यात्रा का शुभारंभ रविवार 10 अप्रैल को मुंबई से करेंगे।
पिछले साल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान घोषित यह दौरा दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का निर्माण करेगा।
भारत में वे उन चार जुनूनों- क्रिक्रेट, बॉलीवुड, राजनीति और परिवार का स्वयं अनुभव करेंगे जो देश की एकता को मजबूत करते हैं।
रविवार को वे ओवल मैदान में जाएंगे जहां वे मुंबई के तीन चैरिटीज - मैजिक बस, डोरस्टेप तथा इंडियाज चाइल्डलाइन के लाभार्थियों और प्रतिनिधियों के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को देखेंगे और उसमें शिरकत करेंगे।
मुंबई के फिल्म और रचनात्मक उद्योग के सम्मान में रविवार की शाम व्यवसाय जगत और बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों के साथ एक शानदार स्वागत समारोह और रात्रिभोज में शामिल होंगे। इस स्वागत समारोह का आयोजन ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट की सहभागिता से किया जा रहा है जिसके संस्थापक और अध्यक्ष प्रिंस ऑफ वेल्स हैं।
सोमवार को वे राजधानी दिल्ली आएंगे जहां वे भारत के सैन्य योगदानों का सम्मान करेंगे, महात्मा गांधी को उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे तथा देश के संचालन और राजनीति से जुड़े लोगों- महिलाओं और पुरुषों से परिचित होंगे।
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डॉमिनिक एस्क्विथ केसीएमजी ने कहा:
ड्यूक और डचेज़ भारत की अपनी पहली यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हैं और हम उम्मीद करते हैं कि यह यात्रा उनके और इस महान विविधता भरे देश के बीच एक लंबी मैत्री का परिचायक होगी।
वे एक परिपूर्णता और विविधता युक्त एक रोमांचक कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं जहां वे आधुनिक भारत – एक ऊर्जावान, अद्यमितापूर्ण, महत्वाकांक्षी देश की समझ हासिल करेंगे जो अपनी चुनौतियों और अवसरों दोनों को बड़े आत्मविश्वास के साथ संभालता है।
यह रॉयल हाइनेस द्वारा की गई एक सबसे महत्वाकांक्षी यात्रा होगी अब तक की सबसे विविधतायुक्त और बहुरंगी भी। छह दिनों में भारत के चार अलग-अलग क्षेत्रों के पांच अलग-अलग स्थानों की यात्रा होगी और साथ ही बेहद खूबसूरत हिमालयी देश भूटान की यात्रा भी शामिल है।
दिल्ली की यात्रा के बाद ड्यूक और डचेज़ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाएंगे जहां वे वहां के ग्रामीण लोगों के जीवन में संरक्षण की भूमिका के बारे में जानेंगे। रॉयल हाइनेस की रुचि यह जनाने में है कि जब मनुष्य और वन्य प्राणी एक दूसरे के निकट रहकर जीते हैं तो ऐसे में होने वाले संघर्ष से समुदायों के द्वारा किस प्रकार निबटा जाता है। काजीरंगा के अंदर वे उद्यान के रेंजर्स से भी मुलाकात करेंगे, इस बात पर चर्चा होगी कि जबकि एशिया के अन्य भागों में गैंडे के सींग की मांग बढ़ती जा रही है यह उद्यान अपने वन्य प्राणियों (विशेष कर गैंडों) की सुरक्षा शिकारियों से कैसे करता है।
इसके बाद में हवाई मार्ग से भूटान रवाना होंगे जहां वे इस बेहद खूबसूरत पर्वतीय देशे के बारे में जानेंगे जो अपने सभी राष्ट्रीय लक्ष्यों से ऊपर अपने लोगों की खुशी को तरजीह देने के लिए जाना जाता है। रॉयल हाइनेस को वहां भूटान के महमहिम महाराजा और महारानी के साथ मुलाकात करने का सम्मान प्राप्त होगा जो लगभग समकक्ष पीढ़ी के हैं।
अंत में ड्यूक और डचेज़ विश्व की सबसे बड़ी रूमानी प्रतीक ताजमहल देखने जाएंगे। ड्यूक को उस स्थान की यात्रा करते हुए आनुपम सौभाग्य का अनुभव हो रहा है जहां उनकी माता की स्मृति को वहां आने वाले अनगिनत लोगों द्वारा जीवित रखा गया है। उनकी यात्रा के 20 साल बाद ड्यूक और डचेस स्वयं इस खूबसूरत स्थल की यात्रा पर हैं और निःसंदेश कुछ नई स्मृतियां बनेंगी जब वे भार के लोगों का अपनी यात्रा के समापन पर शुक्रिया अदा करेंगे।
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