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यूके ने भारत के LGBT+ समुदाय के साथ प्राइड का जश्न मनाया

ब्रिटिश उच्चायोग आज ऐतिहासिक धारा 377 के फैसले की छठी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक स्वागत समारोह की मेजबानी करेगा।

भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 सितंबर 2018 को सुनाए गए इस ऐतिहासिक फैसले ने वयस्कों के बीच आपसी सहमति से होने वाले समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। 

इस समारोह में सिविल सोसाइटी के सदस्य, मानवाधिकारों पर कार्य करने वाले एनजीओ और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मिशनों के राजनयिक एक साथ आएंगे ताकि LGBT+ समुदाय के अधिकारों का जश्न मना सकें और उन्हें आगे बढ़ा सकें। 

राजपीपला के राजकुमार और लक्ष्या ट्रस्ट के संस्थापक-अध्यक्ष माणवेंद्र सिंह गोहिल को इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

बेक्स बकिंघम, मंत्री-परामर्शदाता (राजनीतिक और प्रेस), ब्रिटिश उच्चायोग, ने कहा:

LGBT+ अधिकार मूलभूत मानवाधिकार हैं, और यूके इन अधिकारों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन करने और उन्हें सुरक्षित रखने वाले लोगों का सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम यह भी मानते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है कि सभी LGBT+ व्यक्तियों को सुरक्षित महसूस हो और उनके साथ समानता और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। हमें गर्व है कि हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर इस साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

राजकुमार माणवेंद्र सिंह गोहिल, अध्यक्ष, लक्ष्या ट्रस्ट, ने कहा:

LGBT+ अधिकार मानवाधिकार हैं, और यह 6 सितंबर 2018 को था जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। आज ब्रिटिश उच्चायोग के साथ LGBT+ अधिकारों के समर्थकों के साथ इस छठी वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं हमेशा मानता हूं कि हमारे समर्थक ही हमें समाज में हमारे मुद्दों को मुख्यधारा में लाने में मदद कर सकते हैं।

अतिरिक्त जानकारी:

  • ब्रिटेन एक ऐसी दुनिया की कामना करता है जहां हर व्यक्ति स्वतंत्र और सुरक्षित होकर समाज में बिना किसी हिंसा, भेदभाव या कलंक के भय के साथ पूर्ण, सक्रिय और समान भूमिका निभा सके, चाहे उनकी यौन अभिरुचि, लैंगिक पहचान या अभिव्यक्ति, या लैंगिक विशेषताएं जो भी हों। हमारी नीतियों के लक्ष्य इस प्रकार हैं:
    • हिंसा, भेदभाव और कलंक का अंत करना 
    • मानवाधिकारों के अनुरूप कानूनों और नीतियों को आगे बढ़ाना और अधिकारों के हनन के खिलाफ रक्षा करना 
    • सभी LGBT व्यक्तियों के लिए आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समावेशन को सक्षम बनाना ताकि उनकी क्षमता का दोहन कर हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण कर सकें 
    • संकट और संघर्ष के समय में LGBT+ व्यक्तियों को समर्थन प्रदान करना
  • ग्रासरूट स्तर पर LGBT+ संगठनों और मानवाधिकार रक्षकों का लक्ष्यित कार्यक्रमों और प्रत्यक्ष सहभागिता के माध्यम से वैश्विक स्तर पर समर्थन करना 

  • ब्रिटेन ने इस विषय पर लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में भाग लिया है। इसमें इक्वल राइट्स कोएलिशन (ERC) और यूरोपीय LGBTI फोकल पॉइंट्स नेटवर्क (EFPN) के पूर्व सह-अध्यक्ष के रूप में हमारा कार्य शामिल है, साथ ही ERC SDG समूह के वर्तमान सह-अध्यक्ष के रूप में हमारी भागीदारी भी।

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प्रकाशित 6 सितंबर 2024