भाषण

अफ्रीका सुरक्षा अभिभाषण

अफ्रीका और सुरक्षा विषय पर रॉयल युनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट में ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग में राज्य मंत्री ग्रांट शैप्स का अभिभाषण।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
Grant Shapps, Minister of State for International Development

अफ्रीकन यूनियन कमीशन की अध्यक्ष माननीय सुश्री डॉ. जूमा ने एक आश्चर्यजनक तथ्य प्रस्तुत किया : वर्ष 2025 तक दुनिया की युवा आबादी का एक चौथाई भाग अफ्रीका में होगा।

मैं जरा इसे दोहरा दूं। महज 10 वर्षों की अवधि में दुनिया की युवा आबादी की एक चौथाई अफ्रीकी लोगों की होगी। चीनी नहीं, भारतीय नहीं, बल्कि अफ्रीकी।

मानवता की इस विशाल चौड़ी पट्टी के लिए भविष्य में क्या है? ये युवा लोग कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना करेंगे यदि वे शिक्षा प्राप्त करना चाहेंगे, नौकरी की तलाश करेंगे एवं अपने और अपने परिवारों के लिए जीवन निर्माण की कोशिश करेंगे?

मंगलवार के दिन मैं कडूना में ब्रिटिश सैनिक प्रशिक्षण नाइजीरियन आर्म्ड फोर्सेज से मिला, जो उन्हें बोको हरम के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार कर रहे थे।

लेकिन उत्तरी नाइजीरिया में काम की तलाश करते हुए एक युवा व्यक्ति की कल्पना करें। बाजार खाली हैं, कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है और आपको एक नौकरी की बेहद जरूरत है। यह एक ऐसी सहायक पृष्ठभूमि है, जिसके लिए बोको हरम इनकी भर्ती करते हैं।

या फिर जुबा के बाहर एक युवा लड़की की कल्पना करें जो स्कूल पूरा करने में लगी है। आप सौभाग्यशालियों में से एक है – आपके माता-पिता जीवित हैं, शिक्षा तक आपकी पहुंच है और आप प्रतिदिन 10 मील चलकर स्कूल जाने के काबिल हैं। लेकिन कोई बिजली या स्ट्रीटलाइटें नहीं है – और देश में जहां शांति क्षणिक है और मिलिशियाओं की संख्या अनेक है, ऐसी स्थिति में अंधेरा होने के बाद स्कूल से घर लौटना एक बड़ा जोखिम है। इस तरह या उस तरह, आप स्कूल छोड़ देते हैं।

या शायद आप पूर्वी डीआरसी के एक किशोर हैं। आपने अपने बचपन को भरपूर नहीं जिया – क्योंकि सशस्त्र लड़ाके आपके गांव में आए और सभी परिवारों से अपने बच्चों को त्यागने को कहा, इसलिए आप झाड़ियों में छिपकर लड़ते रहे। आप परेशान होकर इससे छुटकारा चाहते हैं लेकिन आपको डिमोबिलाइजेशन प्रोग्राम ((युद्ध से हटने संबंधी कार्यक्रम)) के बारे में डरावनी बातें बताई गई हैं। आप भागने का कोई रास्ता नहीं देख सके… और कम से कम अपने बन्दीकर्ताओं के साथ आपको रोज का खाना दिया जाता है।

जब हम साल 2040 में होंगे, तब 1.1 अरब अफ्रीकी काम करने की आयु में होंगे।

युवा लोगों की यह पीढ़ी पहले की तुलना में अच्छी तरह से जुड़ी होगी और दुनिया के दूसरे भागों में उपलब्ध अवसरों को समझेगी।

वे अपने भाग्य को बेहतर बनाने की चाह रखेंगे। सुरक्षित महसूस करने के लिए। अच्छी नौकरी पाने के लिए। और उन्हें वह काम हासिल करने में मदद करना हमारे हित में है।

क्योंकि जब हम अफ्रीकियों से उनका सर्वोत्तम और श्रेष्ठतम लेते हैं तो उनके हित में हम कुछ नहीं करते। चाहे नाइजीरिया हो, दक्षिणी सूडान हो या डीआरसी दुनिया भर में व्यक्तिगत कहानियां, शांति और समृद्धि हमेशा अनिवार्य रूप से आपस में जुड़े होते हैं।

हमें भविष्य की दिशा में काम करना चाहिए जहां हर व्यक्ति एक गरिमापूर्ण जीवन जीने में सक्षम होगा, हिंसा और बहिष्करण से मुक्त, और खुद एवं अपने देश हेतु लिए एक समृद्ध भविष्य के लिए योगदान देने में सक्षम होगा। और इसलिए कुछ सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र में तैयार वैश्विक लक्ष्य एक महत्वपूर्ण ‘अगला चरण’ है। लेकिन काम बिल्कुल अधूरा है और इन लक्ष्यों को पूरा करना अब एक महत्वपूर्ण काम होगा।

और यदि पिछले दशकों की राष्ट्र-निर्माण कोशिशों ने हमें कुछ सिखाया है, तो वह यह है कि विकास आवश्यक रूप से वास्तविक और धारणीय शांति पर आधारित होना चाहिए।

इसलिए यूएनजीए में प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र शांति गतिविधियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाएगा।

उत्तर सूडान में, हम अत्यंत कठिन किंतु अहम शांति कायम करने में संयुक्त राष्ट्र की मदद के लिए 300 सैनिक भेजेंगे। इस बीच सोमालिया में, अत्यावश्यक लॉजिस्टिक और इंजीनियरिंग सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए यूके मिलिटरी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेंगे।

एफसीओ और एमओडी के साथ-साथ डीएफआईडी अफ्रीका में इसके देशों और क्षेत्रीय रणनीतियों को सुदृढ़ बना रहे हैं। ये अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को बढ़ावा देने; धारणीयता को बढ़ाने और समावेशी विकास; और शांति और सुरक्षा की सहायता पर ध्यान देते हैं।

और अगले महीने वैलेटा में आप्रवासन के मुद्दों के समाधान हेतु ब्रिटेन और ईयू महत्वपूर्ण अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर काम करेंगे। अफ्रीका में शांति और स्थायित्व की चुनौतियों की जटिलता की यह मांग है कि उनका समाधान हम यथार्थ और समग्र तरीके से ढूंढें।

अफ्रीका को ब्रिटेन की मौजूदा सहायता महत्वपूर्ण है। यह मूलभूत सेवा उपलब्ध कराने, क्षमता को मजबूत करने और उत्तरदायित्व बढ़ाने की दिशा में प्रयास करता है, रोजगार और आर्थिक अवसरों का सृजन करता है और आघातों तथा आपदाओं से निबटने के लिए क्षमता का निर्माण करता है। अफ्रीका में इनमें से बहुत सी बातों को जमीन पर यथार्थ रूप में संभव होता देखा जा सकता है।

लेकिन हमारे सामने चुनौती यह है कि इस सहायता के फायदों का अनुभव हम सड़क पर युवाओं को करा सकें। जिन पुरुषों-महिलाओं से मैं नाइजीरिया, रवांडा, मलावी और अन्य अनेक स्थानों पर मिला वे इस बारे में स्पष्ट थे कि वे विभाजित नहीं होना चाहते बल्कि सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं, रोजगार चाहते हैं, छोटे उद्यम लगाना चाहते हैं और चाहते हैं कि जब वे अपनी वस्तुएं या सेवाएं बेचें तो बिना किसी भ्रष्टाचार के उन्हें उनकी अच्छी कीमतें मिलें।

वे अवसर चाहते हैं, और अपने जीवन को दिशा देने वाले कारकों को तय करने की क्षमता चाहते हैं।

दीर्घकालीन सुरक्षा के लिए जरूरी है कि युवाओं को अतिवादियों और तस्करों के चंगुल में काम करने की मजबूरी की बजाय उन्हें लाभकारी रोजगार मुहैया किए जाएं।

इसका अर्थ है कि उनके गृह देश के विकास में मदद की जाए ताकि उन्हें रोजगार के लिए कहीं किसी और देश में जाना न पड़े।

इसका अर्थ है कि प्रधानमंत्री जिस ‘गोल्डन थ्रेड’ यानी सुनहरे धागे की बात करते हैं उसे मजबूत किया जाए जिनके रेशे कानून का राज, सुशासन और आर्थिक तरक्की से बने हों।

और इसका अर्थ है हिंसक उग्रवाद से संघर्ष जारी रखना चाहे यह जहां कहीं भी हो।

अब, डीएफआईडी और एफसीओ मंत्री के रूप में काम करते हुए, मुझे पता है कि विकास, सुशासन, समृद्धि, सुरक्षा के तंतुओं से सर्वाधिक मजबूती तब मिलती है जब उन्हें एक साथ कसकर गुंथा जाता है।

इसलिए हमें हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि व्हाइटहॉल में नीतियों को अधिक समेकित और अधिक मजबूती से निर्धारित किया जाए।

क्योंकि ये ही वे मूल तत्व हैं जो स्थिर समाजों को अंदर से बल प्रदान करते हैं जो किसी मजबूत देश के मूलाधार होते हैं।

यह प्रायः लंबा, श्रम साध्य और कठिन कार्य होता है। इसमें अक्सर दो कदम आगे की ओर तो एक कदम पीछे की ओर जाते हैं।

जब मैंने गर्मियों में सोमालिया का दौरा किया तो मुझे इस सूक्ष्म प्रकिया को देखने का प्रत्यक्ष अनुभव मिला।

सोमालिया में ब्रिटिश दूतावास मोगदिशु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के परिसर के अंदर है जो एकमात्र ऐसी जगह जो बहुत हद तक सुरक्षित है।

हम जमीन पर एकमात्र ईयू देश हैं जबकि अमेरिका ने अपना दूतावास नैरोबी में रखा है।

जीवन की क्षणभंगुर नियति को याद दिलाती हुई, कार बम धमाके की घटना परिसर से ठीक बाहर मेरे वहां से जाने के अगले दिन घटित हुई जिसमें 15 सोमाली नागरिकों की जानें गईं।

लेकिन प्रगति रुकती नहीं……

और ब्रिटेन ने उस देश के भविष्य की दिशा को बदला है।

दरअसल, सोमालिया के राष्ट्रपति मुझसे मिलने परिसर में आए थे जब वे सोमालियाई संघ में शामिल होने वाले सबसे नए देश गालमुडुग के उद्घाटन के लिए जा रहे थे।

वस्तुतः, इस देश के पुनर्निर्माण में ब्रिटेन की भूमिका इतनी अहम है कि इस नए देश के उद्घाटन को हमारे प्रतिनिधिमंडल के आने के समय के आस-पास तय किया गया।

एक नया देश जो संघीय नक्शे पर उदित हो रहा है, एक संविधान की चर्चा चल रही है, 2016 में चुनाव हैं। आगे की ओर कदम बढ़ रहे हैं। प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं…

लेकिन यह सब आसान नहीं है। बेहद मुश्किल है।

जैसा कि मैंने अनुभव किया, मोगादिशु में घूमना-फिरना किसी बड़े अभियान से कम नहीं: हर तरफ बंदूकें, कड़ी सुरक्षा, बख्तरबंद कारों का काफिला। हर मीटिंग के लिए भारी सुरक्षा, गहन योजना और असीम धैर्य!

कुछ भी आसान नहीं है यहां। छोटे-छोटे काम भी- एक बैठक करना, इंटरनेट प्राप्त करना- मुश्किल से हो पाते हैं। हालांकि साधनों की ये समस्याएं तो हैं, लेकिन सोमाली नागरिक प्रतिदिन जो चुनौतियां झेलते हैं, उनके सामने ये कुछ नहीं।

परिसर के बाहर मैंने एक नई और समृद्ध अर्थव्यवस्था के चिह्न देखे। सोमाली लोगों का संकल्प हलचल भरे चौराहों और बाजारों में प्रकट होता है।

जैसे ही मैं एक गांव में गया, मेरा ध्यान वहां मैदान में लगे चार ऊंचे स्तंभों पर गया। पहले तो मैंने समझा कि शायद यह हमारे मईपोल (मई उत्सव स्तंभ) जैसा कुछ है। लेकिन नहीं, ये तो हत्या स्तंभ थे, जिन्हें अल शहाब आतंकी फायरिंग स्क्वाड द्वारा सार्वजनिक रूप से दंड देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस बात का स्मरण कराते हुए कि अभी कितना कुछ किया जाना है।

अब, ब्रिटेन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सहयोग से, सोमाली सरकार ने महत्वपूर्ण प्रगति की है: तीन वर्ष पहले अफ्रीकन यूनियन के एमीसोम* मिशन की बहादुर सैन्य टुकड़ियां मोगादिशु की गलियों में युद्ध कर रही थीं…. आज सोमालिया के लगभग 80% क्षेत्र और लगभग हर शहर पर उनका और सोमाली नेशनल आर्मी का नियंत्रण है।

लेकिन जैसा कि सोमाली सरकार को पता है कि यहां अभी और काम करना है। हमारे पास इस देश में कानून के शासन को एक-एक ईंट जोड़कर निर्मित करने के लिए 800 साल थे; सोमाली अधिकारीगण इसे लगभग रातोंरात निर्मित कर रहे हैं। हमारा उनकी ओर होना सही है।

इसलिए हमें इस राजनैतिक समाधान, शिक्षा, जीवनस्तर में वृद्धि, समावेशी और निष्पक्ष संस्थानों की स्थापना करने, स्वतंत्रता और चयन को निश्चित रूप से सहायता और प्रोत्साहन देना है। हमें निश्चित रूप से युवा पीढ़ी को रोजगार पाने, अपना भविष्य बनाने, और अपने परिवारों में समृद्धि लाने की सुविधा देनी है।

अभिनव साधनों से वहां के दैनिक जीवन में एक व्यापक बदलाव आने की संभावना है, ऐसा स्पष्ट हुआ, जब मैंने प्रधानमंत्री महोदय से सोमालिया में बिजली की उपलब्धता पर चर्चा की।

यह अविश्वसनीय लगता है: अफ्रीका के दो-तिहाई लोगों के घरों में बिजली उपलब्ध नहीं है।

हम अर्थव्यवस्था और सामाजिक संगठन की आशा कैसे कर सकते हैं, जो समृद्धि, संवृद्धि तथा संरक्षा की आधारशिला है, अगर लोगों को आधुनिक विश्व में सबसे मूलभूत मानवीय आवश्यकताएं भी उपलब्ध नहीं हो पातीं?

प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सूर्य की रोशनी के माध्यम से, इस समस्या को हल करना इतना कठिन भी नहीं लगता।

इसलिए अगले सप्ताह, मैं यहां लंदन में फेसबुक पर डीएफआईडी एनर्जी अफ्रीका अभियान की शुरुआत करने जा रहा हूं। इसमें कोफी अन्नान, मैडम जूमा और अन्य प्रमुख अफ्रीकन हस्तियां मौजूद रहेंगी। हमारा उद्देश्य अफ्रीका में संभावनाशील ग्रिड-रहित सौर-ऊर्जा बाजार में एक धमाकेदार शुरुआत करना है, जिसमें सौर ऊर्जा की कीमत में गिरावट के साथ ही मोबाइल फोन से भुगतान तकनीक का इस्तेमाल किया जाना है, इस पूरे अभियान का मकसद सौर ऊर्जा को गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए भी आर्थिक रूप से सस्ता बना देना है।

हम इस वर्तमान आंकड़ा-अनुमान को बदल देंगे, जिसमें अफ्रीका के लोग 2080 तक वैश्विक ऊर्जा उपभोग के उपलब्धता आंकड़ों तक पहुंचते हुए नहीं दिखते। इसकी बजाय, हम उन्हें यह 2030 तक उपलब्ध करा देंगे।

बिजली की उपलब्धता के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्यम संबंधी सभी अवसर भी उपलब्ध होते हैं।

हम समझते हैं कि इसके जैसी बुनियादी सेवाएं विकास लक्ष्यों के लिए तो अनिवार्य हैं ही, एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य के निर्माण के लिए भी अत्यावश्यक हैं।

चाहे आप यूरोप में हों या अफ्रीका में, हम सभी साझा चुनौतियों के प्रभाव का अनुभव कर रहे हैं: अनियमित आप्रवासन, शरणार्थियों का प्रवाह, तथा इन सबसे ऊपर चरमपंथी।

हम कैलेस, हंगरी और ग्रीस के दृश्यों से स्तंभित रह गए…. लेकिन हमें याद आएगी- चाड में 315,000 सूडानियों की, दादाब में 350,000 सोमालियों की; या 700,000 दक्षिणी सूडानी, इरीट्रियाई और सोमालियों की इथियोपिया में। ये संख्याएं, जिनके सामने यूरोप में उनकी संख्या नगण्य है।

आप्रवासन की समस्या से निपटना नावों को रोकने या फैंसिंग लगाने से कहीं ज्यादा है।

हम चाहते हैं कि करदाताओं के पैसों का उपयोग, आग से लड़ने की बजाय अस्थायित्व के मूल कारणों से निपटने में किया जाए।

क्योंकि संवृद्धि के लिए स्थायित्व एक पूर्व-शर्त है।

इसलिए हम अफ्रीका के साथ सहयोग कर रहे हैं और उनकी सुरक्षा क्षमता निर्मित कर रहे हैं।

पहला, हमारे विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के प्रावधानों के माध्यम से यूएन के सक्षम तथा अफ्रीकन यूनियन शांतिरक्षकों के समूह में वृद्धि करना, जिससे उनके महत्वपूर्ण कार्य संभव हो सकें।

दूसरा, उन अनपेक्षित समस्याओं से निपटने की क्षमता का निर्माण करना, जो लगभग किसी संघर्ष की तरह ही विनाशकारी हो सकता है। मैं अपने उन सैनिक, राजनयिक तथा विकास कार्यकर्ताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इबोला संकट के दौरान, अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए, सियरा लियोन की सरकार के साथ एकल रणनीति पर कार्य करते हुए इस प्रकोप को नियंत्रित किया।

तीसरा, सुरक्षा क्षेत्र में सुधारों को समर्थन देना; नाइजीरिया जैसे देशों को बोको हराम जैसे दानवों से निपटने में सहायता प्रदान करने के लिए, चिबोक स्कूल की लड़कियों की तलाश के लिए उनके साथ मिलकर काम करने के लिए। लेकिन पूर्वी तथा दक्षिणी अफ्रीका में हमारे ब्रिटिश पीस सपोर्ट टीम के कार्यों के माध्यम से भी, जहां हम दीर्घावधि क्षमता और विश्वसनीय नेतृत्व का विकास कर रहे हैं।

चौथा, महाद्वीप भर के प्रमुख स्थायित्व, सुरक्षा तथा न्याय कार्यक्रमों के माध्यम से नेतृत्व करना, जिसमें यूके का संघर्ष, सुरक्षा तथा स्थायित्व कोष माध्यम सम्मिलित है, जो परिणामदायी है।

उदाहरण के लिए, 2007 के चुनावों के बाद से मध्यस्थता प्रक्रिया को सहायता प्रदान कर, 2013 में केन्या में चुनावी हिंसा के जोखिम को कम करने में सहायता करना। या नाइजीरिया में पहली बार सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए हमारे कार्य।

और पांचवां, अफ्रीका में चरमपंथ और संगठित अपराध से मुकाबला करने के लिए काम करके । हमारे प्रधानमंत्री महोदय ने हमारी ओर से किए जा रहे अनवरत प्रयासों का नेतृत्व किया है, लेकिन ब्रिटेन विदेशों के हमारे सहयोगियों के साथ भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। चरमपंथ सीमाओं को नहीं मानता, और इसे केवल साथ मिलकर काम करने से ही पराजित किया जा सकता है।

लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं है- यह धीमा, जटिल है और निश्चित रूप से कठिन है।

इस सरकार ने बजट घाटे पर नियंत्रण के वायदे के साथ चुनावों में जीत हासिल की है। इसलिए हम अपने संसाधनों तथा रसूख का इस्तेमाल कैसे करें, इसके लिए हमें समझदार, रणनैतिक तथा चतुर होने की जरूरत है।

हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम रणनैतिक गठबंधन कर रहे हैं, सुदृढ़ संबंध निर्मित कर रहे…. और हां, यूके की कंपनियों के लिए निविदाएं हासिल कर रहे हैं।

हमारा पर्याप्त सहायता बजट, जिसका आधा हम अफ्रीका में खर्च करते हैं, अफ्रीका के साथ जुड़ने के प्रयासों का एक अंग होना चाहिए। हमारे सशस्त्र बलों और हमारे विश्वस्तरीय राजनयिक नेटवर्क के अतुलनीय कार्यों के अनुपूरक की आवश्यकता है, जिन्होंने हमारे संबंध और हमारी साख को बनाए रखा जिससे आज हमारी आवाज सुनी जाती है।

हमें चतुराई से कार्य करने, हमारे वैश्विक प्रभाव का लाभ उठाने, और उन क्लबों के माध्यम से अपनी बातें रखने की जरूरत है, जिनके हम अंग हैं- संयुक्त राष्ट्रसंघ, यूरोपीय संघ तथा राष्ट्रमंडल, और अफ्रीकन संघ तथा अन्य भी।

अगले माह आप्रवासन पर आयोजित वालेट्टा सम्मेलन की तैयारी करते हुए, वापस आप्रवासन के लिए समझौते तथा संघर्ष के संचालकों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करने की कोशिशों के माध्यम से, हम अफ्रीका से राजनैतिक समर्थन हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

और, घरेलू मोर्चे पर, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अफ्रीका पर हमारी सरकारी प्राथमिकताएं पूरी तरह तय हैं, कुछ ऐसी जैसे कि मुझे नहीं लगता कि पहले कभी रही हों।

इस गतिशील, जटिल और हमेशा चुनौतीयुक्त महादेश की एक स्पष्ट समझ के साथ ढेर सारी चुनौतियां नजदीक आ रही हैं।

सुरक्षा प्रशासन तथा आर्थिक विकास के निर्माण के लिए हमारे कार्य एक समेकित रणनीति के तहत एक साथ आ रहे हैं।

यह महादेश जिसका हकदार है वह उच्चस्तरीय वचनबद्धता इसे दी जा रही है।

और जैसा कि आज मैंने कहा भी था, एक अच्छी नीति की मुख्य बात भागीदारी और सहयोगिता है।

अफ्रीका में हमारे कार्यों के बारे में बताने के लिए अफ्रीकी दृष्टिकोण महत्वपूर्ण हैं। यह सरकार इसके लिए उच्चतम स्तरों पर, अफ्रीका भर के प्रधानमंत्रियों तथा राष्ट्रपतियों, नीतिनिर्माताओं तथा नागरिकों के समर्थन प्राप्त करने के प्रयास करेगी, जिसमें सरकार के सबसे वरिष्ठ स्तरों पर दौरे भी शामिल होंगे।

इसलिए, अफ्रीका में चुनौतियां बढ़ती जा रहीं हैं : एक वर्ष पहले, पश्चिमी अफ्रीका में एबोला फैल रहा था; आज यह नियंत्रित है। एक वर्ष पहले, प्रवासन चुनौतियों की सूची में शीर्ष पर था; आज यह सभी एजेंडा में पहला स्थान रखता है और ज्यादातर समाचार पत्रों के पहले पृष्ठ पर है।

लेकिन अवसरों में भी वृद्धि है : आज, अफ्रीका एशिया के बाद मोबाइल का दूसरा बड़ा बाजार है, और तीव्र विशासशील है। M-पेसा और अन्य फोन आधारित मनी ट्रांसफर सर्विसेज जैसी प्रणालियों का व्यापक इस्तेमाल अफ्रीका में क्रांतिकारी बैंकिंग है।

जब मैं तंजानिया में था, मैंने पहली बार देखा कि कैसे दूर गांवों में रहने वाले लोग बिजली सहित वस्तुओं और सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए M-पैसा सर्विस का इस्तेमाल करते हैं।

मैककिंसे के अनुसार, अफ्रीका भी लगभग चीन की तरह ही शहरीकृत है।

अफ्रीका में एक मिलियन या उससे अधिक लोगों वाले अनेक शहरें हैं जो संपूर्ण यूरोप में है। और उनकी सबसे बड़ी शहरें बहुत बड़ी है।

बुधवार को मैंने लैगोस को गवर्नर से मिला। उनका मानना है कि उनके शहर में अब 2 करोड़ नागरिक हैं!

और हालांकि अफ्रीका वैश्विक अर्थव्यवस्था के उतार चढ़ावों के प्रभाव से अछूता नहीं है, अगले 35 सालों में इसकी जनसंख्या दुगुनी हो जाने पर 21 शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके पास महत्वपूर्ण सफलता गाथा लिखने की क्षमता है।

इसलिए हमारे लिए जरूरी है कि हम उपलब्ध हो रहे विशाल अवसरों का अधिकतम लाभ उठाएं।

हमें यह सुनिश्चित करना है कि नाइजीरिया, दक्षिण सूडान, डीआरसी और 51 अन्य देशों के बच्चे/युवा सुरक्षित महसूस करें, स्कूल जाएं, उन्हें काम मिले और वे अपने तथा अपने परिवार व समाज के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करें।
अफ्रीका निरंतर बदल रहा है। और अफ्रीका के साथ हमारे संबंध भी बदलेंगे।

इस निरंतर वैश्विक होती दुनिया में हमारी चुनौतियां साझी हैं और इसलिए हमारे समाधान भी साझे होने चाहिए।

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प्रकाशित 16 अक्टूबर 2015