भाषण

‘भारत में लाइफ साइंस गतिविधि का केंद्र बिंदु है बेंगलूरु’

बेंगलूरु स्थित ब्रिटिश उप उच्चायुक्त डॉमिनिक मैकएलिस्टर द्वारा भारतीय स्तन शल्यचिकित्सक संघ के सम्मेलन में संभाषण।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
लाइफ साइंस

मैं यहां उपस्थित होकर प्रसन्न हूं और भारतीय स्तन शल्यचिकित्सक संघ का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इस विषय पर बोलने का अवसर प्रदान किया, जो मेरे और भारत में ब्रिटिश उच्चायोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मैंने खुद रसायनशास्त्र का प्रशिक्षण लिया है, लेकिन एक कैंसर विज्ञान औषध विक्रेता से मेरी शादी हुई है इसलिए हमारे घर में इन मुद्दों पर हमेशा ही चर्चा होती है।

बेंगलूरु भारत में लाइफ साइंस की गतिविधि का केंद्र बिंदु है। बेंगलूरु स्थित ब्रिटिश उप उच्चायोग में हमें इस क्षेत्र में नवीन व्यापार, निवेश और शोध एवं विकास के कार्यों को विकसित करने का कार्य सौंपा गया है। हमें लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य सौंपा गया है जिससे यह साझेदारी और आगे बढ़ेगी।

यूके और भारत के लाइफ साइंस में एक दूसरे के साथ एक लंबी साझेदारी है और खास तौर से कैंसर विज्ञान के क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित है।

चलिए मैं आपको बताता हूं कि हम एक-दूसरे को क्या दे सकते हैं और किस जगह हम साथ मिलकर उत्कृष्ट काम कर सकते है:

यूके और कैंसर रोग विज्ञान (औन्कोलॉजी)

यूके कैंसर के अध्ययन में अग्रणी है, जिसमें जांच और निदान से लेकर खोज अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा वितरण तक शामिल हैं।

हमारे यहां एक राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री है जो कि अनुसंधान और चिकित्सकीय परीक्षण के लिए अत्यंत सशक्त औज़ार है। यूके में कैंसर से ग्रस्त हर 100 मरीज़ों में से 21 का चिकित्स्कीय अध्धयन शुरू किया जाता है और इसमें से सात का आकस्मिक नियंत्रित परीक्षण होता है।

85,000 मरीज प्रति वर्ष कैंसर के अनुसंधान अध्ययन के लिए भर्ती किए जाते हैं और यह संख्या यूएसए से ज्यादा है। कैंसर रिसर्च यूके (सीआरयूके) विश्व का सबसे बड़ा स्वतंत्र कैंसर अनुसंधान धर्मार्थ संगठन है, जो सीआरयूके के कर्मचारियों और अनुदान प्राप्त शोधकर्ताओं द्वारा निदेशित अनुसंधान को समर्थन देता हैं या फिर उद्योग के साथ साझेदारी करके कैंसर के प्रति जागरूकता का प्रसार करता है।

समूचे यूके में 18 प्रयोगात्मक कैंसर चिकिसा केंद्र (ईसीएमसी), जिन्हें सीआरयूके और इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड द्वारा संयुक्त रूप से समर्थित किया जाता है, नए उपचारों के विकास को संचालित कर रहे हैं और तेजी से रोगियों को लाभ पहुंचा रहे हैं।

भारत और कैंसर विज्ञान

भारत विश्व स्तर पर प्रभावित होने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है:

भारत में 8 प्रतिशत मौत कैंसर के कारण होती है।

भारत में कैंसर के प्रमुख प्रकार हैं: स्तन, मलाशय, फेफेड़े, नॉन-हॉजेकिन लिम्फोमा (एनएचएल) और प्रोस्टेट कैंसर। 2018 तक कैंसर उपचार का चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 6.5 प्रतिशत सालाना से बढ़ाकर 240 मिलियन यूएस डॉलर तक करना निश्चित किया गया है।

बेंगलूरु अनुसंधान, चिकित्सकीय प्रौद्योगिकी और उन कम्पनियों के लिए केंद्र है जो त्वरित खोज कार्य में प्रयासरत हैं। साथ ही यहां चिकित्सकीय अध्ययन और स्वास्थ्यसेवा के लिए अच्छे अस्पताल भी हैं।

तो हम साथ मिलकर क्या कर रहे हैं?

साझा कार्य

2016 में यूकेटीआइ ने अपना अभियान ‘मेकिंग कैंसर हिस्ट्री’ शुरू किया।

यूकेटीआइ इंडिया के विस्तारित जीवन विज्ञान रणनीति में कैंसर विज्ञान को महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र के रूप में पहचाना गया है।

इस अभियान के जरिए हम:

  • हम उद्योगों के बीच नए रिश्ते जोड़ेंगे;
  • यूके-भारत के बीच संबंध स्थापित करना, जिसे औद्योगिक सहभागियों से समर्थन प्राप्त होगा। इसे यूकेटीआइ द्वारा संचालित किया जाएगा ताकि सभी प्रासंगिक हितधारकों को एक साथ लाकर नया पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके।

हम निम्नलिखित कार्य कर रहे हैं:

  • न्यूटन-भाभा कायक्रम के अंतर्गत यूके चिकित्सा अनुसंधान परिषद (एमआरसी) और भारतीय जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) तीन प्रमुख शोध केंद्रों को आर्थिक सहायता दे रहे हैं। इनमें से एक एमआरसी-डीबीटी कैंसर जीवविज्ञान और चिकित्सा का संयुक्त केंद्र केंम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एमआरसी कैंसर इकाई को बेंगलूरु के राष्ट्रीय जीवविज्ञान केंद्र से जोड़ेगा ताकि संयुक्त शोध कार्यक्रमों, स्थानांतरित अनुसंधान और क्षमता निर्माण के जरिए कैंसर जीवविज्ञान और चिकिसा में शोध को बढ़ावा दिया जा सके।

  • यूके एक लाख जीनोम परियोजना और मरीजों की जानकारी तक एनएचएस की बेहतर पहुंच के कारण सूक्ष्मता चिकित्सा के क्षेत्र में अगुआ है। सूक्ष्मता चिकित्सा (प्रिसीजन मेडिसिन) में कैंसर रोगियों के लिए नई लक्षित चिकित्सा का विकास करने का ताकत है और यह यूके और भारतीय शोधकर्ताओं के लिए अवसरों के बढ़ते क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। हमारी राष्ट्रीय नवाचार एजेंसी ‘इनोवेट यूके’ ने इस वर्ष अप्रैल में प्रिसीजन मेडिसिन कैटपुल्ट स्थापित किया और समूचे यूके में इसके छह उत्कृष्ट केंद्र हैं।

  • बेंगलूरु में सेलवर्क्स नॉन-स्मॉल सेल फेफड़े के कैंसर (एनएससीएलसी) पर कैंसर रिसर्च यूके और वेल्कम के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
  • बेंगलूरु की ओर लक्ष्य के बाद ‘होराइजन डिस्कवरी’ को स्थापित किया गया है। वे खोज अनुसंधान में कार्यरत हैं और भारत के पूर्वनैदानिक संगठनों के साथ रिश्तों को विकसित करने में जूटे हैं।
  • यूके में विग निर्माता ‘विगोमेनिया’ भारत में अपोलो और हेल्थकेयर ग्लोबल (एचसीजी) जैसे अस्पताल के साथ मिलकर कार्य शुरू कर चुके हैं।
  • अन्य साझेदारियां भी अपेक्षित हैं। हमारी कोशिश है कि हम अधिक और बेहतर कार्य के लिए अधिक से अधिक नैदानिक और प्रौद्योगिकी कम्पनियों को एक साथ जोड़ें। हम भारत और यूके के शोध एवं विकास और नवाचारों के सहयोगियों को एक साथ लाकर अगली पीढ़ी को सेवाएं प्रदान करने के प्रति कार्य करना चाहते हैं।
  • अगर आप हमारी योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो कृपया यूके व्यापार एवं निवेश और विज्ञान और नवाचार दल से संपर्क करें।
  • मैं हमारे इस मंच को अवसर प्रदान करने के लिए आभारी हूं। मैं आपको सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकानाएं देता हूं।

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प्रकाशित 1 जुलाई 2016