भाषण

डिजाइन की महानता

भारत स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन केसीएमजी ने 11 मार्च 2013 को दिल्ली में ‘‘डिजाइन की क्रांति’’ पर आयोजित एक सम्मेलन में भाषण दिया। यहां पेश है उनके मूल भाषण का पूरा पाठ।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Sir James David Bevan KCMG

भूमिका

डा. (राज) सिंह (वीसी, अंसल यूनिवर्सिटी), सर क्रिस्टोफर (फ्रेलिंग), प्रोफेसर (माइक) नॉल्स (डीन, सुशांत स्कूल ऑफ डिजाइन), विशिष्ट अतिथियों, मित्रों और साथियों,

इस विशिष्ट संस्थान में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया जाना मेरे लिए अत्यंत गौरव की बात है। और इस श्रोता वर्ग को सम्बोधित करना अत्यंत सम्मान की बात है, जिसमें भारतीय डिजाइन के अनेक वर्तमान और भावी अग्रणी लोग शामिल हैं।

मुझे भारत में आपके मुख्य अतिथि सर क्रिस्टोफर फ्रेलिंग को देख कर भी खुशी हुई है। सर क्रिस्टोफर रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट के रेक्टर एवं यूके डिजाइन काउंसिंल के चेयरमैन रहे हैं और डिजाइन समुदाय के एक गुरु हैं।

इस सारी विशेषज्ञता के बीच एक विनम्र कूटनीतिक के तौर पर मैं अपने आपको वस्तुत: आपके वर्ग के बाहर का महसूस करता हूं। यह कहा जाता है कि एक कूटनीतिज्ञ वह है, जो अनेक भाषाओं में अपने बारे में गलतफहमी पैदा कर सके। इसलिए, मैं आपको भ्रमित करने के लिए भाषण देने की कोशिश कर सकता हूं। लेकिन, यह तरीका अपनाने के बजाए मैं अपना भाषण अत्यंत सरल रखूंगा और बताऊंगा कि मैं वास्तव में क्या सोचता हूं।

इस सम्मेलन का विषय है: ‘‘डिजाइन की क्रांति।’’ यह भी कूटनीतिज्ञों को नर्वस कर देता है। हम डिजाइन को पसंद करते हैं, यदि उसका मतलब सतर्कता और दूरदर्शी नियोजन है। हम क्रांति को पसंद नहीं करते। लेकिन, मैं इसे पसंद करता हूं। दरअसल, जब मैं बताता हूं कि मैं क्या करता हूं तो मैं एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी कार्ल माक्र्स के एक कथन को प्राय: उद्धृत करता हूं, जिसने कहा: ‘‘यह प्रयोजन विश्व को सिर्फ समझने का नहीं है, बल्कि उसमें बदलाव लाने का है।’’

इसलिए, मेरी योजना यह बतलाने की है कि मैं क्यों सोचता हूं कि डिजाइन का महत्व है। भारत और ब्रिटेन इसमें कितने अच्छे हैं और मैं क्यों आशा करता हूं कि हम सशस्त्र संघर्ष (जैसाकि माक्र्स के कुछ अनुयायियों ने चाहा) के बजाए डिजाइन के जरिए एक विश्व क्रांति लाने के लिए भविष्य में अधिक मिल कर कार्य कर सकते हैं। लेकिन, पहले मैं लाइट बल्ब के बारे में एक चुटकुला सुनाऊंगा। चूंकि आप सभी डिजाइनर हैं, इसलिए मैंने सोचा था कि मैं आपको यह चुटकुला सुनाऊंगा, जो डिजाइनर जैसे सृजनशील लोगों के साथ कार्य के खतरों के बारे में हैं। सवाल: एक लाइट बल्ब को बदलने के लिए कितने डिजाइनर की जरूरत पड़ती है? जवाब : क्या इसके लिए कोई लाइट बल्ब होना जरूरी है?

अमेरिका के प्रमुख डिजाइनर केन पीटर ने सारांश में कहा है : ‘‘डिजाइनर उन विचारों को आकार देते हैं, जो हमारी दुनिया को आकार देते हैं, प्रतिदिन के अनुभवों को समृद्ध बनाते हैं और हमारे जीवन में सुधार करते हैं। जहां भ्रम है, वहां डिजाइनर स्पष्टता लाते हैं, जहां अराजकता है, वहां डिजाइनर व्यवस्था का निर्माण करते हैं, जहां ‘ऐन्ट्रोपी’ है, वहां डिजाइनर जीवंतता लाते हैं, जहां उदासीनता है, वहां डिजाइनर जुनून पैदा करते हैं, जहां औसत दर्जा है, वहां डिजाइनर उत्कृष्टता लाते हैं और जहां चुप्पी है, वहां डिजाइनर आवाज़ लाते हैं।’’

कार्ल माक्र्स के बारे में सोचते हुए मैं इसका अघिक सरल सारांश दूंगा : अच्छी डिजाइन दुनिया में बदलाव लाती है। अच्छी डिजाइन इसे एक बेहतर स्थान बनाती है। अच्छी डिजाइन विश्व को एक सरल स्थान भी बनाती है। डिजाइन के जानकार स्टीव जॉब्स कहा करते थे कि ‘‘कम हमेशा अधिक होता है। अधिक सरल हमेशा बेहतर होता है।’’ मैं सोचा करता था कि सादगी की यह इच्छा सुंदरता के बारे में है। लेकिन, यह कार्यात्मकता के बारे में भी हो सकती है। ‘‘हिच्चीकर्स गाइड टू गैलेक्सी’’ के लेखक डगलस एडम्स ने एक बार कहा था : ‘‘किसी चीज की पूणरूपेण फूलप्रूफ डिजाइन बनाने के प्रयास में लोग जो एक सामान्य गलती करते हैं, वह पूर्ण मूर्खों की प्रतिभा को कम आंकना है।’’

इसलिए, किसी भी व्यक्ति, मूर्खों या अति-प्रतिभाशाली व्यक्तियों की प्रतिभा को कम न आंके।

डिजाइन के क्षेत्र में भारत अच्छा है

हम जिस चीज को कभी भी कम नहीं आंक सकते हैं, वह भारतीय डिजाइन की प्रतिभा है। भारत डिजाइन के क्षेत्र में अच्छा है। यह वाकई ऐतिहासिक साक्ष्य है कि भारत ने इसका आविष्कार किया।

मैंने भारत में ब्रिटिश उच्चायोग का कार्यभार ग्रहण करने से पहले एक निजी नागरिक के रूप में लुटियन्स की नई दिल्ली के पार असली भारत के बारे में जानने के लिए इस देश के अनेक हिस्सों की यात्रा की।

मैंने जिन स्थानों का दौरा किया, उनमें से एक अहमदाबाद में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) था। मुझे यकीन है कि आपमें से अनेक लोग इसके बारे में जानते होंगे। और, आप संभवत: यह भी जानते होंगे कि इस संस्थान की स्थापना के बाद 1958 में दो अमेरिकियों- चाल्र्स और रे एम्स ने भारतीय डिजाइन के बारे में एक प्रसिद्ध रिपोर्ट पेश की थी। एनआईडी के डिजाइन म्यूजियम के एक महत्वपूर्ण स्थान पर पानी रखने का पीतल निर्मित बर्तन- एक लोटा रखा हुआ है। एम्स की रिपोर्ट में कहा गया- ‘‘हमने अपनी भारत-यात्रा के दौरान जिन चीजों को देखा और सराहना की, उन सभी में लोटा प्रतिदिन के उपयोग में आने वाला बर्तन है और वह संभवत: सर्वाधिक अच्छा एवं सर्वाधिक सुंदर है।’’

एम्स ने चर्चा की है कि कितनी जटिल बातों पर ध्यान देते हुए इतनी सरल चीज बनाई गई है। इसमें इष्टतम मात्रा में तरल पदार्थ एकत्र करना, उसे लेकर चलना और भंडारण करना संभव है। हाथ के आकार, ताकत और जेंडर द्वारा ये काम किए जाएंगे। माथे, पैंदे, हाथ में पकड़ कर, बास्केटनुमा थाम कर या छकड़े की तरह इसे ले जाया जा सकता है। जब लोटा खाली या भरा हो, दोनों सूरत में इसका संतुलन बना रहता है। ताप का हस्तांतरण : यदि लोटे में रखा तरल पदार्थ गरम किया जाए तो भी उसे पकड़ा जा सकता है। चाहे आंखें बंद हो या खुली, यह कितना सुखद प्रतीत होता है? जब यह दूसरे बर्तन से टकराए, जमीन या पत्थर पर रखा जाए तो उसकी आवाज़ कितनी सुखद लगती है? यदि सूरज की किरणें इसकी सतह पर पड़ें तो यह कैसा दिखेगा? इसे रखना, इसे बेचना और इसे देना कितना अच्छा लगता है? इसके बाद ही मुझे लोटे की डिजाइन की बारीकियों एवं जटिलताओं का अहसास हुआ और सभी डिजाइन इंसानों और जीवन के लिए होती हैं।

भारतीय इतिहास में आपके पास उत्तम डिजाइन के और भी अनेक उदाहरण है। रैंडम तरीके से कुछ को चुना जाए तो बटन हैं, जिनका 4000 साल पहले सिंधु घाटी की सभ्यता में आविष्कार किया गया था। अन्य उदाहरण हैं : शतरंज, प्रार्थना ध्वज, रॉकेट्स, सीढ़ी वाला कुआं, ताजमहल और लाल किला। मैं उदाहरण-दर-उदाहरण दे सकता हूं, लेकिन ऐसा नहीं करूंगा क्योंकि हमारे पास उन सभी पुरानी डिजाइनों की सूची बनाने का समय नहीं है, जो विश्व को भारत की देन हैं।

और, भारत के वर्तमान से भी डिजाइन के कुछ अच्छे उदाहरण है : टाटा नैनो, जो विश्व में सर्वाधिक सस्ती कार है, आकाश टेबलेट, कम लागत का क्रांतिकारी उत्पाद, जिससे भारतीय स्कूलों के प्रत्येक बच्चे के हाथों में कम्प्यूटर आ सकता है, सी लिंक ब्रिज, जो मुंबई में समुद्री जल के ऊपर अत्यंत सुंदर नज़र आता है और बैंक ऑफ इंडिया का मेरा अपना चेहता लोगो (ताले का मुंह)।

ब्रिटेन भी डिजाइन के क्षेत्र में अच्छा है

डिजाइन के क्षेत्र में ब्रिटेन भी बहुत अच्छा है। इसके लिए मेरे शब्दों पर यकीन न करें। मैं ब्रिटिश उच्चायुक्त हूं और यह कहने के लिए मुझे वेतन मिलता है। इसके बजाए मैं 27 िसतंबर 2012 के ‘‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’’ का उद्धरण दूंगा, जिसमें कहा गया:

‘‘मिलान एवं टोकियो माफ करें, स्टॉकहोम एवं पेरिस से खेद है, ईडेनहोवन, बर्लिन, बार्सलोना एवं विशेष तौर पर न्यूयॉर्क मुझे माफ करें- लेकिन लंदन विश्व में डिजाइन की राजधानी है। विश्व के किसी भी अन्य स्थान के मुकाबले ब्रिटेन में बेहतर डिजाइनर और ‘डिजाइन इम्पेरैरियोज’ पैदा हुए हैं।’’ या यदि आप सोचते हैं कि ‘‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’’ के कथन में अतिरंजना है तो आनंद महिन्द्रा के कथन पर ध्यान दें, जिन्होंने 2011 में ब्रिटेन के ‘‘द डेली टेलीग्राफ’’ से कहा- ‘‘जब आप स्टाइलिंग और डिजाइन के बारे में सोचते हैं तो आम तौर पर आपका ध्यान इटली पर जाता है, लेकिन इन क्षेत्रों में ब्रिटेन उत्कृष्ट है। कॉवेन्ट्री अभी भी ऑटोमोटिव स्टाइलिंग में विश्व के उत्कृष्ट केंद्रों में से एक है।’’

यह हकीकत है कि ब्रिटिश डिजाइन एवं नव-प्रवर्तन ने विश्व को आकार दिया है और उसने यह कार्य जारी रखा है। 1780 के दशक में कताई मशीनों से लेकर 1840 के दशक में पुलों के निर्माण की इंजीनियरिंग, 1940 और 1950 के दशकों के अंत में कम्प्यूटर कोड्स के विकास और 1980 के दशक में वल्र्ड वाइड वेब के आविष्कार तक के कार्य ब्रिटिश नागरिकों ने किए हैं। ब्रिटिश नागरिक टिम बर्नर्स ने वल्र्ड वाइड वेब का आविष्कार किया था।

लंदन की एक यात्रा करने पर आप तत्काल ब्रिटिश डिजाइन के संपर्क में आ जाएंगे।

यदि आप लंदन में हीथ्रो से भूमिगत रास्ते पर जाएं तो इस स्टेशन में प्रवेश करते समय पहली चीज हैरी बेक का आइकॉनिक ट्यूब मैप देखेंगे, जो अत्यंत उत्कृष्ट विचार था कि किसी भी नक्शे के लिए वास्तविक दूरियों या दिशाओं को दर्शाना आवश्यक नहीं है- आपको सिर्फ ए से बी स्थान पर जाने का सीधा रास्ता दर्शाना है।

और, जब आप सेन्ट्रल लंदन में पहुंचते हैं और स्काईलाइन के आसपास देखते हैं तो आपकी निगाह ब्रिटेन के महान डिजाइनरों की स्थापत्य कला पर पड़ेगी। सिर्फ सर क्रिस्टोफर रेन पर नहीं, जिन्होंने सेंट पॉल कैथेड्रल का निर्माण किया, बल्कि अन्य डिजाइनरों की स्थापत्य कला भी देखेंगे। उदाहरणार्थ, नोर्मन फोस्टर, जिन्होंने हमारे वित्तीय जिले में घरकिन स्काईस्क्रेपर के अलावा न्यू वेम्बली स्टेडियम की डिजाइन बनाई एवं रिचर्ड रोजर्स, जिन्होंने लॉयड्स बिल्डिंग और मिलेनियम डोम (गुंबद) की डिजाइन बनाई। और, यदि आपने लंदन 2012 के ओलम्पिक्स में तैराकी देखी है तो ब्रिटिश स्थापत्य कला की एक अन्य कृति- जाहा हदीद के मुग्धकारी एक्वेटिक्स सेंटर को अवश्य देखा होगा।

अगर आपके पास आई-फोन या आई-पेड या एप्पल द्वारा निर्मित कोई भी चीज है तो बधाई क्योंकि आप ब्रिटिश डिजाइन का उपयोग कर रहे हैं। एप्पल के प्रमुख डिजाइनर और ब्रिटिश नागरिक जोनाथन ने इन सभी आइकॉनिक चीजों की डिजाइन तैयार की थी।

यदि आपको वैक्यूम क्लीनर से नफरत है और इससे कौन नफरत नहीं करता, लेकिन आप ब्रिटिश डिजाइन के उच्च कोटि के साधन का उपयोग करना पसंद करेंगे- जेम्स डायसन के प्रसिद्ध ब्राइट यलो बैगलेस वैक्यूम क्लीनर्स। ये दिखने में बहुत अच्छे हैं और प्रौद्योगिकी दृष्टि से इतने उन्नत हैं कि उन्होंने चमत्कार कर दिखाया है- कई लोगों को यह नामुकिन लगा था, लेकिन इसकी मदद से पुरुष घर का कामकाज कर रहे हैं।

यदि दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद आप आराम के लिए कम्प्यूटर गेम खेलते हैं तो संभवत: आप ब्रिटिश डिजाइन का उपयोग कर रहे होंगे। विश्व के दो सर्वाधिक आइकॉनिक गेम्स- ग्रांड थेफ्ट ऑटो और टोम्ब रैडर ब्रिटेन में डिजाइन एवं प्रोड्यूस किए गए। हम अब विश्व के कम्प्यूटर गेम्स के एक-चौथाई हिस्से का निर्माण करते हैं।

यदि आपको मुद्रण कला पसंद है और वरदाना एवं आईटीसी गैलियार्ड जैसे फॉन्ट्स आपको रोमांचित करते हैं तो मैं दो बातें कहना चाहूंगा। पहली बात, आपको संभवत: अधिक फॉन्ट्स पाने चाहिए। दूसरी बात, आप विश्व में टाइपोग्राफी के महान डिजाइनर मैथ्यू कार्टर के प्रशंसक हो जाएंगे, जो एक ब्रिटिश नागरिक हैं।

यदि आपको फॉन्ट्स के बजाए फैशन पसंद है तो आप विवियेन वेस्टवुड, पॉल स्मिथ, स्टेला मेकार्थी और जिमी कू के बारे में जानेंगे और उनके डिजाइनर वस्त्र पहनेंगे। यदि आप मेरी तरह पिछले अक्टूबर में नोयडा सर्किट में घूं-घू कर तेजी से दौड़ने वाली फॉर्मूला वन कारों के मुरीद हैं तो इसमें ब्रिटिश डिजाइन का उपयोग हुआ है। फॉर्मूला वन कार के प्रत्येक पार्ट में ब्रिटिश डिजाइन का योगदान है- डिजाइन से लेकर असेम्बली और मैन्यूफेक्चरिंग तक। यही कारण है कि फॉर्मूला वन की 12 टीमों में से 8 टीमें ब्रिटेन में स्थित हैं।

यदि अन्य 900 मिलियन भारतीयों की तरह आपके पास मोबाइल फोन है तो उसमें निश्चित रूप से उच्च कोटि की ब्रिटिश डिजाइन- एआरएम माइक्रोचिप जरूर होगी। कैम्ब्रिज स्थित एआरएम टेक्नोलॉजिज कंपनी ने इसकी डिजाइन तैयार की है और विश्व के 95 प्रतिशत से अधिक मोबाइल फोनों में उसका उपयोग किया जाता है।
यदि आपको नई एयरबस या बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में उडान भरने का अवसर मिला है तो खिड़की के बाहर नज़र डालें। इनके रॉल्स रॉयस इंजन बादलों के ऊपर आपको सुरक्षित रखते हैं और इनकी डिजाइन ब्रिटेन में बनाई गई थी। ये विश्व में सर्वाधिक उन्नत विमान हैं।

यदि आप डिजाइन में अपना अध्ययन जारी रखने की सोच रहे हैं तो ब्रिटेन के बारे में सोचें। हमारे यहां विश्व के शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में से 4 विश्वविद्यालय और विश्व के अनेक सर्वोत्कृष्ट डिजाइन संस्थान हैं, जिनमें यूनिवर्सिटी ऑफ आट्र्स भी शामिल है, जहां माइक नॉल्स एक विजिटिंग प्रोफेसर हैं।

आइए, मिल कर कार्य करें

इस प्रकार, डिजाइन में भारत महान है और ब्रिटेन भी महान है। मेरा आज संदेश यह है कि हम मिल कर और अधिक उपलब्धियां पा सकते हैं। मेरा कार्य ब्रिटेन और भारत के बीच एक अधिक मजबूत एवं अधिक गहन साझेदारी का निर्माण करना है। मैं चाहूंगा कि यह साझेदारी उस क्षेत्र में फूले-फले, जिसमें आप विशेषज्ञता प्राप्त कर रहे हैं : यानी डिजाइन।

इसमें से कुछ काम पहले से हो रहे हैं। यहां के सुशांत स्कूल ऑफ डिजाइन और अग्रणी ब्रिटिश संस्थानों के बीच अच्छे संबंध हैं। और इसी प्रकार, ब्रिटिश डिजाइन और एनआईडी (अहमदाबाद) के बीच घनिष्ठ संबंध हैं।

व्यावसायिक कंपनियों के बीच भी संबंध घनिष्ठ हो रहे हैं। जगुआर लैंड रोवर अब एक भारतीय कंपनी है, लेकिन ब्रिटेन में इसका आधार होने के नाते वह भारत में सृजनशील डिजाइन बनाने का अधिकाधिक कार्य कर रही है। मैंने कैम्बिज की माइक्रोचिप कंपनी- एआरएम टेक्नोलॉजिज का जिक्र किया था, वह आपके फोन को निश्चय ही शक्ति प्रदान करती है और अब उसका बेंगलुरू में भी आधार स्थापित हो गया है। और, ब्रिटिश कंपनी- डाटा विन्ड द्वारा क्रांतिकारी आकाश टेबलेट का निर्माण किया जा रहा है।

लेकिन, हम मिल कर और भी बहुत-कुछ कर सकते हैं। ब्रिटेन और भारत दोनों डिजाइन में अच्छे हैं। लेकिन, हममें से कोई एक उतना अच्छा नहीं हो सकता, जितना कि हम मिलकर। मुझे आशा है कि हम आगामी सालों में इस क्षेत्र में अधिक नज़दीकी साझेदारी विकसित कर सकते हैं। हम मिल कर बेहतर डिजाइन के जरिए बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं।

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प्रकाशित 11 मार्च 2012