‘मुझे लड़कियों की शिक्षा की परवाह है’- सर जेम्स बेवन
31 अक्टूबर 2013 को मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल, अजमेर में सर जेम्स डेविड बेवन, केसीएमजी, ब्रिटिश उच्चायुक्त द्वारा दिए गए व्याख्यान का लिप्यंतरण।
“अच्छी सलाह के साथ बस यही किया जा सकता है कि हम उसे अगले व्यक्ति की तरफ बढ़ा दें; खुद के लिए इसकी कोई उपयोगिता नहीं।” ― ऑस्कर वाइल्ड परिचय
कोटा के माननीय महाराज ब्रिजराज सिंह, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य, प्रिंसिपल श्रीमती कंचन खंडके, फेकल्टी सदस्य, अभिभावक और छात्राओं:
मैं और मेरी पत्नी आज यहां आपके मेहमान बनकर बहुत सम्मानित अनुभव कर रहे हैं। इस प्रसिद्ध और विशिष्ट स्कूल का दौरा करना अत्यंत खुशी की बात है। मुझे पता है इस संस्थान को देश का सर्वोत्तम गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल होने का सम्मान प्राप्त है, और स्कूल के जीवन में थोड़ी सी भी भागीदारी कर लेने पर यह समझना कठिन नहीं है कि इसका कारण क्या है।
मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे यहां संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। मुझे लगता है तीन बातें ऐसी हैं जो मुझे इस योग्य बनाती हैं।
पहला, कि मैं यहां भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त हूं, और जैसा कि आप अपेक्षा रखते होंगे मैं बहुत सारे व्याख्यान दिया करता हूं। यद्यपि, मैं आपको बताऊं कि किसी गर्ल्स स्कूल में दिया गया यह मेरा पहला व्याख्यान है; और मुझे लगता है राजनेताओं और वीआईपी लोगों की तुलना में, जिन्हें मैं अकसर संबोधित किया करता हूं, आप मेरे लिए अधिक कठिन श्रोता हैं।
दूसरा, मुझे लड़कियों की शिक्षा की परवाह है। आज यहां मैं जिन कारणों से हूं उनमें से एक है न केवल मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल को अपना समर्थन देना बल्कि लड़कियों की शिक्षा का सर्वत्र समर्थन करना। मैं दुनिया के बहुत से देशों में रहा हूं, और मैंने सीखा है कि यदि सफल परिवर्तन का यदि कोई इकलौता नुस्खा है तो उसे बस इन शब्दों में समेटा जा सकता है: लड़कियों को शिक्षित करो।
मेरी तीसरी योग्यता जरा व्यक्तिगत है: मैं तीन बेटियों का पिता हूं: तीन बेटियों का गौरवान्वित पिता। उनकी उम्र 26, 24 और 15 वर्ष है। उनकी परवरिश ने उन्हें आत्मविश्वास से भरी सफल युवतियों के रूप में प्रतिष्ठित किया है। मैं जानता हूं उनमें आत्मविश्वास है क्योंकि उन तीनों में मेरे साथ तर्क करने का विश्वास है। और मैं जानता हूं कि वे सफल हैं क्योंकि मेरे साथ तर्क को वे हमेशा सफलतापूर्वक जीत लेती हैं।
अब मेरी बेटियां मेरी सलाह नहीं मानतीं – और मेरा ख्याल है आपमें से कई अपने माता-पिता की सलाहों के प्रति भी ऐसा ही रुख अपनाती होंगी। इसलिए मैंने सोचा है कि आज मैं आपको अपनी कोई सलाह नहीं दूंगा – सिवाय बस एक चीज के, जो मैं अंत मैं बताउंगा। अपनी बजाए मैं आपको किसी और की दी गई सलाह दूंगा जो मेरे लिए अच्छी सलाह है।
पहली सलाह बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान से मिली है, जो इस प्रकार है: अपनी जिंदगी ऐसा जिएं मानो यह आपको दूसरी बार मिली हो। पिछली बार सलमान खान ने अमेरिका में स्नातक छात्रों को सम्बोधित किया था। उन्होंने कहा था:
…खुद को 50 साल बाद के समय में सोचें। आप अपने जीवन के बारे में सोचना शुरू करेंगे। अपनी कॉरियर की सफलता, अपने परिवार और दोस्तों के साथ गुजरे अपने अहम पलों के बारे में सोचेंगे। लेकिन, फिर आप ऐसी चीजों के बारे में सोचेंगे जिनके बारे में आपका मानना है कि काश, आपने उन्हें जरा अलग तरीके से किया होता और इसके लिए आपको अफसोस होगा”। मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि वे कौन सी चीजें हो सकती हैं।
2063 में, आपको इस बात का अफासोस होता है कि काश आप अपने बच्चों के साथ और ज्यादा वक्त बिताते। आप अपने जीवनसाथी से कहते हैं कि आप उन्हें कितना अधिक चाहते हैं। काश, वक्त वापस लौटकर आपको एक मौका देता और आप अपने मां-बाप के गले लगकर, उनके गुजरने से पहले, उन्हें बता पाते कि कितना चाहते थे आप उन्हें। कि आप और अधिक मुस्कुरा पाते, अधिक हंस पाते, अधिक जानते और अधिक सृजन कर पाते। दूसरों की सहायता करने, उन्हें सबल बनाने के लिए जो क्षमता आपमें थी आप उसका बेहतर इस्तेमाल किए होते और दुनिया और भी सुंदर बनाए होते।
और ठीक जब आप इन बातों को सोच रहे हैं एक फरिश्ता प्रकट होता और आपसे कहता, “मैं तुम्हारी बातें सुन रहा था। तुमने सही बातों का अफसोस किया। तुम एक अच्छे आदमी हो, इसलिए यदि तुम सचमुच ऐसा चाहते हो तो मैं तुम्हें दूसरा मौका देना चाहता हूं”। आप कहते “जरूर” और फरिश्ता अपनी उंगली घुमाता।
अचानक आप खुद को उस जगह पाते हैं जहां आप इस समय हैं। आज 31 अक्टूबर 2013 के दिन हम यहां अजमेर के मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल में हैं। आप स्वस्थ हैं, सानंद है और आप महसूस करते हैं कि यह सचमुच हुआ है। आपको फिर से ऐसा करने का अवसर मिला है। वही सफलता और वही गहरे संबंध। लेकिन, अब आप आशावादी होकर परिवर्तन कर सकते हैं और इसमें भारतीय बड़े अच्छे होते हैं। आप ज्यादा हंस सकते हैं, ज्यादा नाच सकते हैं और ज्यादा प्यार कर सकते हैं। आपके माता-पिता यहां आपके साथ हैं, इसलिए अवसर आपके हाथ में है कि आप उन पर यह जाहिर करें कि पहली बार आप जिस तरह चाहते थे अब उसी तरह उनसे प्यार जता सकते हैं। आप उन बातों के लिए सकारात्मकता के स्रोत बन सकते हैं जिन्हें आप पहली बार करना चाहते थे। आपको दूसरा अवसर मिला है: इसका इस्तेमाल करें।
दूसरी सलाह अमैजन डॉट कॉम के जेफ बोजोस की ओर से है। और यह इस प्रकार है: आप वही होते हैं जैसा आप विकल्प चुनते हैं। यह बात उन्होंने यूनिवर्सिटी से निकलने वाले छात्रों से कही:
आप अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल किस तरह करेंगे? कौन से विकल्प आप चुनेंगे? क्या जड़ता आपका मार्गदर्शक बनेगा, या आप अपने जुनून के मुताबिक बढ़ेंगे? क्या आप सिद्धांत का पालन करेंगे या जो मूलतः है, स्वाभाविक है उसका अनुसरण करेंगे? क्या आप आराम का जीवन चुनेंगे या सेवा और साहसिकता का? क्या अपनी आलोचना किए जाने पर आप परेशान होंगे या अपने दृढ़ विश्वास पर अडिग रहेंगे? गलत होने पर क्या आप उससे मुकर जाएंगे या उसे कबूल करेंगे? नकारे जाने पर, उपेक्षित होने पर आप अपना संतुलन बनाए रखेंगे या वैसा करेंगे जैसे प्रेम में पड़ने पर लोग करते हैं? क्या आप सुरक्षित रास्ते पर चलेंगे या आपको जोखिम उठाना पसंद होगा? कठिनाई आने पर आप हार मान लेंगे या और भी जोरदार प्रयास करेंगे? आप एक निंदक आलोचक बनेंगे या सर्जक? आप दूसरों का फायदा उठाने वाला चालाक बनेंगे या औरों की सहायता करने वाले दयालु इंसान?
अपनी सलाह के अंत में जेफ बेजोस के कहा,:
जब आप 80 के हो जाएंगे, और अपने जीवन पर विचार करने पर पाएंगे कि सबसे सार्थक कहानी तो आपके द्वारा विकल्प चुने जाने के बारे में है। अंत में, हम वैसा ही होते हैं जैसा हमने चुनाव किया होता है। अच्छे विकल्प चुनिए, और खुद को एक शानदार कहानी बनाइए।
और तीसरी सलाह एक बेटी के पिता की ओर से मिली है। असल जिंदगी के पिता और पुत्री: जवाहरलाल नेहरु और इन्दिरा गांधी। इन्दिरा गांधी अपने पिता के बारे याद कर कहा था कि कभी उनके पिता ने उन्हें यह अनमोल सलाह दी थी। उन्होंने उनसे कहा था,
इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे जो काम संपन्न करते हैं, और दूसरे वे जो सारा श्रेय ले जाते हैं। तुम पहली वाली श्रेणी में रहना क्योंकि वहां प्रतिस्पर्धा बहुत कम होगी।” मैं भी आप सब छात्राओं से पहले उसी श्रेणी में रहने को कहता हूं। मुझे विश्वास है कि आप जो शिक्षा यहां, मेयो कॉलेज में प्राप्त कर रही हैं, वह आपको उसी श्रेणी में लाएगी।
अंत में, मैं आप सब छात्राओं को एक सलाह अपनी ओर से देने का वादा किया था। इस सलाह के बारे में मुझे जरा एक क्विज प्रश्न का सहारा लेने दीजिए, जो इस प्रकार: इन लोगों में कौन सी बात समान है? राहुल गांधी; डॉ मनमोहन सिंह; टाटा समूह के प्रमुख साइरस मिस्त्री; टीवी पत्रकार करण थापर; लेखक विक्रम सेठ; फैशन डिजायनर सुनीत वर्मा, बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान; और सांसद अगाथा संगमा जो 28 साल की आयु में लोकसभा में सबसे कम उम्र की सांसद बनीं।
आपका उत्तर बेशक यही होगा कि वे सब सफल भारतीय हैं। लेकिन अधिक दिलचस्प जवाब यह है कि उन सबकी शिक्षा ब्रिटेन में हुई।
मैं ब्रिटेन में शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में कहूंगा कि आज भारत के विभिन्न क्षेत्रों के अग्रणी व्यक्ति, चाहे वे राजनीति, व्यवसाय, मीडिया और कला जगत के हों, उन्होंने ब्रिटेन में शिक्षा पाई है। और मेरे द्वरा उल्लेख किए गए उन महान पिता-पुत्री- श्री नेहरु और श्रीमती गांधी के नाम से शुरुआत कर आप इसमें पिछली पीढ़ियों के उन महान भारतीयों के नाम भी शामिल कर सकते हैं जिनकी शिक्षा ब्रिटेन में हुई थी।
मुझे इस बात से बड़ी खुशी है कि भारत के वर्तमान और अतीत के अग्रणियों व्यक्तियों ने ब्रिटेन में शिक्षा पाई। और मैं चाहता हूं कि भारत की भावी महान हस्तियों का विकल्प भी यही हो। मेरा मतलब आपसे है। इसलिए यहां मेरी सलाह यह है: जब यहां आप अपनी पढ़ाई पूरी कर लें तो आगे का अध्ययन ब्रिटेन आकर पूरा करें।
आपको ऐसा क्यों करना चाहिए? भारत और भारत से बाहर कई अच्छी जगहें हैं, फिर ब्रिटेन ही क्यों?
पहली बात तो यह कि ब्रिटेन दुनिया में सर्वोत्तम शिक्षा उपलब्ध कराता है। दुनिया के सर्वोच्च दस में से चार विश्वविद्यालय ब्रिटेन में हैं। अनंत विकल्प मौजूद हैं: ब्रिटेन में आप जो चाहें, जहां भी चाहें पढ़ सकते हैं। यह आपके व्यय की श्रेष्ठ प्रतिपूर्ति है: ब्रिटेन में पढ़ाई में निवेश करना आपके द्वारा अपने भविष्य के लिए किया जाने वाला सर्वोत्तम निवेश है। यह रहने के लिए भी सुरक्षित जगह है। घर के साथ मजबूत रिश्ता बना रहता है: भारतीय मूल के तकरीबन 15 लाख लोग यहां रहते हैं और आज दसियों हजार भारतीय छात्र ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं, इसकारण किसी भी भारतीय को ब्रिटेन में आसानी से भारतीय दोस्त और परिवार मिल जाते हैं। यहां की जीवनशैली अनूठी है: रहने के लिए ब्रिटेन एक अद्भुत देश है।
और यह रोमांचक है। मैं जानता हूं कि मेयो कॉलेज की छात्राएं अपनी रचनात्मकता और अभिनव विचारों पर गर्व करती हैं। ब्रिटेन को भी गर्व है। वस्तुतः, ब्रिटेन दुनिया के सबसे अनोखी सूझ वाले देशों में एक है। उदाहरण हैं- इंटरनेट, जिसका आविष्कार एक ब्रिटिश व्यक्ति ने की; आईपैड, जिसे एक ब्रिटिश व्यक्ति ने डिजायन किया और हिग्स बोसोन, वह कण जो यह समझने में मदद करता है कि भौतिक जगत किस प्रकार कार्य करता है, इसकी परिकल्पना एक ब्रिटिश वैज्ञानिक ने ही की।
वे अन्य चीजें जिनका आविष्कार या जिनकी खोज ब्रिटिश लोगों द्वारा की गई इस प्रकार हैं: फुटबॉल, गोल्फ, क्रिकेट, टिड्लीविंक, क्रॉकेट, पेंसिल, टेलीफोन, एसएमएस मैसेजिंग, लाइट बल्ब, टेलीविजन, रेलवे, भाप के इंजन, जेट इंजन, होवरक्राफ्ट, पेनिसिलीन, गुरुत्वाकर्षण, राडार, देशांतर, सीधे ऊपर की ओर उड़ान भरने वाले एयरक्राफ्ट, विकासवाद, बंगी जम्पिंग और डाक टिकटें। और दुनिया भर में खुशियों को फैलाने वाली सबसे कमाल की स्वाद भरी वस्तु- स्टिकी टॉफी पुडिंग। यूरोप के मुख्य भाग से दूर कोहरे में लिपटे एक छोटे से द्वीप के लिए यह सूची कोई बुरी नहीं है!
तो, मेयो की छात्राओं, इनमें से कुछ भी यदि आपको लुभाता है तो मेरी सलाह है कि आप अध्ययन के लिए ब्रिटेन आएं। आपका हार्दिक स्वागत है।
निष्कर्ष
मुझे डर है कि मैंने आपको आज बहुत सारी सलाह दे डाली है। इसलिए अब मैं आपको सभी प्रकार की सलाहों के बारे में स्वास्थ्य चेतावनी के तौर पर अमेरिकन कॉमेडियन एलेन डीजेनेरेस की कही बात कहता हूं। उन्होंने कहा था:
किसी को सलाह मत दीजिए: यह पलट कर आपके ही पास आएगी और आपको काट खाएगी। और न ही किसी की दी हुई सलाह लीजिए: आमतौर पर इसे तो गलत होना ही है। मेरा आपको एक ही सलाह है कि अपने खुद के प्रति ईमानदार रहिए, फिर सबकुछ अच्छा ही होगा”। और, भाइयों-बहनों यह अच्छी सलाह है। आखिर में, मेरा आप सबको शुभ दीवाली! मेरी ओर से, मेरी पत्नी की ओर से और मेरे देश की ओर से मैं आप सभी छात्राओं को दीर्घायु, खुशहाल और सफल जीवन की कामना करता हूं। उसके लिए यहां इस अनोखे संस्थान में आपके बिताए समय सर्वोत्तम संभव पूर्व-तैयारी है।