भाषण

'अच्छे विकल्प चुनिए, और खुद को एक उत्कृष्ट गाथा में परिणत कीजिए'

ब्रिटिश स्कूल ऑफ देल्ही में मंगलवार, 17 दिसंबर 2013 को ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन, द्वारा दिए गए अभिभाषण की लिखित प्रतिलिपि।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Sir James David Bevan KCMG

डॉ. अर्जेंट, श्रीमती उप्पल, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य, अभिभावक गण, छात्र वृंद तथा उपस्थित अन्य सम्मानित अतिथि गण:

इस सुबह मुझे यहां आकर और प्रथम गवर्नर पुरस्कारों का वितरण करने का अवसर प्राप्त कर बहुत प्रसन्नता हुई है। हमारे 50वें साल और छात्रों की उपलब्धियों का उत्सव मनाने का यह उपयुक्त तरीका है।

जिन छात्रों ने पुरस्कार प्राप्त किए हैं, उनके लिए मेरा संदेश है: खुद पर गर्व करें, क्योंकि हमें आप पर गर्व है। ये पुरस्कार किसी को यूं ही नहीं मिलते। ये इसलिए मिलते हैं, क्योंकि आपने कड़ी मेहनत की होती है और आपने सचमुच कुछ ऐसा खास किया होता है जो लोगों की नजरों में आते हैं। जब किसी ने महान चित्रकार माइकलएंजेलो से कहा कि सिस्टैन चैपल के उनके चित्र साबित करते हैं कि वह महान प्रतिभाशाली हैं, तो उन्होंने जबाव देते हुए कहा था: “यदि आप यह जानते कि इसमें मेहनत कितनी लगी है तो आप मुझे महान प्रतिभाशाली कभी न कहते।” लेकिन, हम जानते हैं कि आज इन पुरस्कारों के विजेता बनने में आपको कितनी मेहनत करनी पड़ी है, और हम इसके लिए आपको बधाई देते हैं।

उन छात्रों के लिए, जिन्हें इस अवसर पर आज पुरस्कृत नहीं किया जाना है, उनके लिए मेरा संदेश है: आप भी अपने पर गर्व करें, क्योंकि हर कोई किसी न किसी बात में श्रेष्ठ होता है, आप सब भी। हमेशा अगली बारी आती है। और अंततः यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि आप पुरस्कार जीत पाते हैं या नहीं, बल्कि महत्व तो इस बात का होता है कि आप व्यक्ति किस तरह के हैं।

इस बात को थोड़ा और स्पष्ट करने के लिए मैं आपको कुछ सलाह देना चाहूंगा। ये मेरी अपनी सलाह नहीं हैं। मैंने पाया है कि जब मैं ये सलाह अपनी तीन बेटियों को देनी चाही तो उनमें से किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए जो सलाह मैं देने जा रहा हूं वे तीन अन्य लोगों की ओर से हैं जिन्हें मैं अच्छा समझता हूं।

पहली सलाह अमैजन डॉट कॉम के संस्थापक जेफ बेजोस की ओर से है, जो उन्होंने यूनिर्सिटी से विदा लेने वाले छात्रों के एक समूह से कहा था:

“आप अपने उपहारों का क्या करेंगे? आप किस प्रकार के विकल्प चुनेंगे? क्या जड़ता आपका मार्गदर्शक बनेगी, या आप अपने जुनून के मुताबिक बढ़ेंगे? क्या आप सिद्धांत का पालन करेंगे या जो मूलतः है, स्वाभाविक है उसका अनुसरण करेंगे? क्या आप आराम का जीवन चुनेंगे या सेवा और साहसिकता का? क्या अपनी आलोचना किए जाने पर आप परेशान होंगे या अपने दृढ़ विश्वास पर अडिग रहेंगे? गलत होने पर क्या आप उससे मुकर जाएंगे या उसे कबूल करेंगे? नकारे जाने पर, उपेक्षित होने पर आप अपना संतुलन बनाए रखेंगे या वैसा करेंगे जैसे प्रेम में पड़ने पर लोग करते हैं? क्या आप सुरक्षित रास्ते पर चलेंगे या आपको जोखिम उठाना पसंद होगा? कठिनाई आने पर आप हार मान लेंगे या और भी जोरदार प्रयास करेंगे? आप एक निंदक आलोचक बनेंगे या सर्जक? आप दूसरों का फायदा उठाने वाला चालाक बनेंगे या औरों की सहायता करने वाले दयालु इंसान?

अपनी सलाह के अंत में जेफ बेजोस के कहा, “जब आप 80 के हो जाएंगे, और अपने जीवन पर विचार करने पर पाएंगे कि सबसे सार्थक कहानी तो आपके द्वारा विकल्प चुने जाने के बारे में है। अंत में, हम वैसा ही होते हैं जैसा हमने चुनाव किया होता है। अच्छे विकल्प चुनिए, और खुद को एक उत्कृष्ट गाथा में परिणत कीजिए ।”

दूसरी सलाह एक बेटी के पिता की ओर से मिली है। असल जिंदगी के पिता और पुत्री: जवाहरलाल नेहरु और इन्दिरा गांधी। इन्दिरा गांधी अपने पिता के बारे में याद कर कहा था कि कभी उनके पिता ने उन्हें यह अनमोल सलाह दी थी। उन्होंने उनसे कहा था, “इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे जो काम संपन्न करते हैं, और दूसरे वे जो सारा श्रेय ले जाते हैं। तुम पहली वाली श्रेणी में रहना क्योंकि वहां प्रतिस्पर्धा बहुत कम होगी।” मैं भी आप सब छात्राओं से उसी पहली श्रेणी में रहने को कहता हूं। मुझे भरोसा है कि आपको जो शिक्षा ब्रिटिश स्कूल ऑफ देल्ही में प्राप्त हो रही है, वह आपको उसी श्रेणी में लाएगी।

और अंतिम सलाह सभी प्रकार की सलाहों के बारे में स्वास्थ्य चेतावनी जैसी है। यह अमेरिकन कॉमेडियन एलेन डीजेनेरेस की ओर से है। उन्होंने कहा था: “किसी को सलाह मत दीजिए: यह पलट कर आपके ही पास आएगी और आपको काट खाएगी। और न ही किसी की दी हुई सलाह लीजिए: आमतौर पर इसे तो गलत होना ही है। मेरी आपको एक ही सलाह है कि अपने खुद के प्रति ईमानदार रहिए, फिर सबकुछ अच्छा ही होगा”। और, देवियों और सज्जनों, यह अच्छी सलाह है।

तो मुझे यहां बुलाने के लिए आप सबको धन्यवाद, आज यहां उपस्थिति सभी छात्र/छात्राओं को मेरी ओर से शाबाशी, चाहे वे पुरस्कार पाने वाले हों या पुरस्कार नहीं वाले, और अंत में मेरी ओर से आप सबको एक सुखद, शांतिमय और सफल 2014 के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

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प्रकाशित 17 दिसंबर 2013