अभिनव प्रयासों वाले देशों में यूके अग्रणी
7 अगस्त, बुधवार को आयोजित नौवें ‘सीआइआइ इंडिया इनोवेशन सम्मेलन’ में बेंगलूरु स्थित ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त इयान फेल्टन के भाषण की लिखित प्रतिलिपि। भाषण की यह सटीक लिखित प्रतिलिपि है।
उपस्थित महानुभावों को मेरा नमस्कार!
‘नौंवां सीआइआइ इंडिया इनोवेशन सम्मेलन 2013’ में भाग लेकर ब्रिटेन हर्ष का अनुभव करता है।
अगले कुछ मिनटों में मैं:
a) संक्षिप्त रूप से बताना चाहूंगा नवीनताओं और व्यवसाय के लिहाज से ब्रिटेन क्यों भारत का पसंदीदा सहयोगी बनने की क्षमता रखता है।
b) हम जो सम्मिलित रूप से कर रहे हैं और जो आने वाले समय में करेंगे, उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी दूंगा।
c) वीज़ा सिस्टम कैसे हमारे सम्मिलित कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद कर रही है, इसके बारे में सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करूंगा।
नवीनताओं और व्यवसाय के लिहाज से ब्रिटेन भारत का पसंदीदा सहयोगी बनने की क्षमता रखता है।
- उत्कृष्ट अनुसंधान तथा उद्यमी परिवेश के साथ ब्रिटेन दुनिया के शीर्ष अनुसंधानकर्ता व अग्रणी आविष्कारकर्ता राष्ट्रों में एक है।
- अनुसंधान तथा विकास की प्रति इकाई प्रशस्तियों पर होने वाले खर्च के लिहाज से ब्रिटेन के पास जी8 में सर्वाधिक दक्ष अनुसंधान केंद्र है।
- वर्ष 2013 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में ब्रिटेन को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ और इसे संतुलित अभिनव प्रदर्शन के रूप में वर्णित किया गया। यह इंडेक्स अभिवन कार्यों को आर्थिक विकास तथा समृद्धि के प्रेरक के रूप में मानता है।
- मध्य तथा दक्षिण एशियाई देशों के समूह में भारत अग्रणी देश है। इसका एक बड़ा हिस्सा बेंगलूरु में किए काम का नतीजा है। इसलिए हम स्वाभाविक सहयोगी है।
- ब्रिटेन के चार विश्वविद्यालय (ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, इम्पीरियल तथा यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन) दुनिया के दस शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल हैं और यहां के अन्य कई विश्वविद्यालय दुनिया के शीर्ष 50 विश्वविद्यालयों के सूची में शामिल हैं।
- ब्रिटेन को विज्ञान तथा तकनीकी में 77 नोबल पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जो गौरव अमेरिका के अलावा दूसरे किसी देश को प्राप्त नहीं हुआ।
- दुनिया के कई प्रमुख वैज्ञानिक व मेडिकल खोज, अपने जगत का प्रथम और अत्याधुनिक डिजाइन और तकनीकियों का आरंभ ब्रिटेन में हुआ;
जैसे वर्ल्ड वाइड वेब, डीएनए की खोज तथा अधिकतर फोनों तथा टैब्लेटों में प्रयुक्त एआरएम चिप का आविष्कार। एआरएम अब अपना अधिकतर काम बेंगलूर से संचालित करता है।
इस परिचर्चा में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी भूमिका वास्तव में एक प्रेरक के रूप में रही। कंपनियों के सुझावों को सुनना, एक सकारात्मक और नीतिगत परिवेश का सृजन करना और फिर आगे बढ़ाने के लिए मार्ग से हट जाना।
- ब्रिटेन के पास नवीनता व अनुसंधान की एक सरकारी रणनीति है। यह अनुसंधान- केंद्रित तथा नवीन एसएमई को कोष प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता (निवेश हेतु £75 मिलियन पैकेज शामिल है) प्रदान करती है।
- टेक्नॉलॉजी स्ट्रेटजी बोर्ड (टीएसबी) वह मुख्य जरिया है, जिसके जरिए सरकार व्यवसाय आधारित तकनीकी तथा अभिनव कार्यों को बढ़ावा देती है।
- अगले कुछ वर्षों में टीएसबी उच्च तकनीकी क्षेत्रों में £1 बिलियन निवेश करने जा रहा है।
- इसमें शामिल है नवीन और विकासशील तकनीकियों, जैसे कि उच्च मूल्य वाले निर्माण, सेल थेरॉपी, ऑफशोर नवीकरणीय ऊर्जा, सेटेलाइट अनुप्रयोग, संयुक्त डिजिटल अर्थव्यवस्था व परिवहन प्रणालियों के व्यवसायीकरण के लिए एक नेटवर्क (केटापॉल्ट सेंटर) का निर्माण करना।
- ब्रिटेन की कर प्रणाली ही इस बात का संकेत देती है कि हम आपके साथ सहयोग करने के लिए कितने इच्छुक हैं।
- ब्रिटेन की कर प्रणाली जी20 में सर्वाधिक प्रतियोगी कर प्रणाली होगी। कॉरपोरेट टैक्स की मुख्य दर को घटाकर 2015 तक 20% के स्तर तक लाई जाएगी, जो जी20 की संयुक्त निम्नतम स्तर होगा (नोट: अन्य हैं सऊदी अरब, रूस, तुर्की)
- अंत में ब्रिटेन एक “पेटेंट बॉक्स” भी लागू कर रहा है, जिसमे कर लाभ दिए जाएंगे ताकि नवीन विधि से कार्य करने वाली कंपनियां ब्रिटेन में स्थापित हो सकें (यदि वे उच्च-मूल्य वाले रोजगार तथा विकास, निर्माण व ब्रिटेन में पेटेंट के दोहन से जुड़ी गतिविधियां प्रदर्शित करती हैं।)
हम जो सम्मिलित रूप से कर रहे हैं और आने वाले समय में जो करेंगे।
ब्रिटेन व भारत स्वास्थ्य, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन तथा जल से जुड़ी परियोजनाओं पर संयुक्त रूप से £100 मिलियन खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
घोषणा: ब्रिटेन का ‘टेक्नॉलॉजी स्ट्रेटजी बोर्ड’ तथा भारत का ‘ग्लोबल इनोवेशन एंड टेक्नॉलॉजी अलाएंस’ इस महीने संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान प्रस्तावों के लिए एक आमंत्रण प्रकाशित करेगा। ‘ग्लोबल इनोवेशन एंड टेक्नॉलॉजी अलाएंस’ सीआइआइ व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक संयुक्त पहल है।
‘यूके-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव’ के तहत टीएसबी की सफल ज्ञान हस्तांतरण साझेदारी योजना को भी कुछ महीनों में भारत में लागू किया जाएगा। इसका लक्ष्य शोध जगत व उद्योग को साथ मिलकर काम करने में सहायता प्रदान करने के लिए प्रमाणित विधि का प्रयोग करना है।
सितम्बर के महीने में ब्रिटेन-भारत कैंसर वैज्ञानिक व्यापार शिष्टमंडल नई खोजों पर ध्यान केंद्रित करेगा। कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में दुनिया भर में कई सारे अनुसंधान व विकास के कार्य किए जा रहे हैं। इस अनुसंधान और चिकित्सा को सभी के लिए सस्ता व पहुंच योग्य बनाने के लिए नवीन खोज अहम होगी। बेंगलूरु में हमारा लक्ष्य इन्हीं पर चर्चा करना है।
बेंगलूरु में स्थित ब्रिटिश उप-उच्चायोग का कार्यालय गहन रूप से विज्ञान तथा नवीन खोज व ब्रिटेन में व्यापार व निवेश (यूकेटीआइ) पर केंद्रित है।
हमारे पास पेशेवरों की एक टीम है जो आपको ब्रिटेन के साथ व्यापार करने या ब्रिटेन में निवेश करने के बेहतरीन तरीकों का निर्णय करने में मदद करती है। मेरे सहयोगी आपको समूचे हॉल में और यूके स्टैंड पर दिखाई पड़ जाएंगे। मैं आपको उनके साथ बात कर यह देखने के लिए प्रोत्साहित करता हूं कि हम किस प्रकार से स्वागत करते हैं।
वे किसी मौजूदा व्यवसाय के विस्तार पर आपको सूचना प्रदान कर सकते हैं; स्थानीय कौशलों; उद्योग समूह; विश्वविद्यालयों की पहचान कर सकते हैं तथा लाभ व फंड सहायता पर जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
आपका कोई व्यवसाय जब ब्रिटेन में स्थापित होता है, तब हम उसे ब्रिटेन की कंपनी ही मानते हैं और आपको अन्य अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रसार करने के लिए यूकेटीआइ की वैश्विक व्यापार सेवाएं प्रदान करते हैं।
हमारी निवेश स्थल सेवाएं स्वतंत्र, अत्यधिक पेशेवर व शुल्क रहित हैं।
अंत में:
वीज़ा सिस्टम कैसे हमारे सम्मिलित कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद कर रही है, इस बारे में एक सकारात्मक उदाहरण।
जैसा कि ब्रिटिश प्रधान मंत्री श्री डेविड कैमरून ने स्पष्ट किया है-
रोजगार सृजन करने तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन सर्वाधिक उज्ज्वल तथा उत्कृष्ट माध्यम प्राप्त करने की इच्छा रखता है, जिससे ब्रिटेन वैश्विक दौड़ में प्रतियोगी बनाने में सक्षम बनेगा।
इसलिए उदाहरण के तौर पर यदि आप एक विदेशी व्यवसायी हैं, जो विश्व स्तरीय व्यवसाय में निवेश और कारोबार करना चाहते हैं, यदि आप उन हजारों वैध छात्रों में एक हैं, जो हमारे उच्च स्तरीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन करना चाहते हैं या आप हमारे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं, तो निःसंदेह ब्रिटेन आपके लिए खुला है।
एक वित्तीय बॉण्ड के जरिए अप्रवास के दुरुपयोग से निपटने के एक विकल्प पर विचार किए जाने की बात तो आपने पढ़ी होगी। पायलट योजना कैसे काम कर सकती है, इसकी जानकारी के बारे में अभी घोषणा नहीं की गई है।
पर हम जानते हैं कि यदि इसकी घोषणा की जाती है तो यह केवल उन चंद वीज़ा आवेदकों को लक्षित करेगा, जो समय सीमा से अधिक प्रवास करने का उल्लंघन करते हैं। हरेक देश अपनी सीमाओं की रक्षा करता है और ब्रिटेन के लिए भी यह ऐसा ही है। इसलिए कोई बॉण्ड योजना व्यवसाय, छात्रों तथा पर्यटकों के लिए मुक्त होने की ब्रिटेन की इच्छा को बाधित नहीं कर सकती है।
स्पष्ट तथा सकारात्मक संदेश यह है कि अधिकतर लोग जो ब्रिटेन की वीज़ा पाना चाहते हैं, उन्हें मिलेगा। तथ्य से भी यही प्रमाणित होता है।
उदाहरण के लिए यह तथ्य सभी को पता नहीं होगा कि ब्रिटिश वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले 97% भारतीयों को वीज़ा मिल जाती है। इतनी ही संख्या कंपनी के अंतः हस्तांतरण के लिए भी लागू होती है। मुझे लगता है ये सारे कुछ ऐसे तथ्य हैं जो बताते हैं कि हमारा द्विपक्षीय संबंध एक अच्छी स्थिति में है।
मुझे खुशी है कि मैं बेंगलूरु में पिछले दो वर्षों से हूं। पर्यटन तथा व्यवसाय के सिलसिले में मैंने ऐतिहासिक रूप से संपन्न व आकर्षक राज्य- कर्नाटक की व्यापक यात्रा की है।
मैं ऐसा अगले दो सालों तक जारी रखने का इरादा रखता हूं। यदि आप मेरे कार्य करने के तरीके को देखना चाहते हैं या कर्नाटक में ब्रिटेन की प्राथमिकताओं के बारे में कुछ सुझाव देना चाहते हैं, तो कृपया मेरा अनुसरण ट्विटर पर करें @dhcianfelton।