'कर्नाटक राज्य के साथ ब्रिटिश साझेदारी लगातार मजबूती की ओर'
9 जून 2016 को बेंगलुरु में महारानी के जन्मदिन पार्टी में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त बेंगलुरु, डोमिनिक मैकेलिस्टर के अभिभाषण की अनूदित प्रति।
महारानी के आधिकारिक जन्मदिन मनाने के अवसर पर मुझे आज की रात आप सबका स्वागत करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है। चूंकि ब्रिटेन का कोई औपचारिक राष्ट्रीय दिवस नहीं है, तो इसलिए यही हमारा राष्ट्रीय दिवस समारोह है और इसमें आप सबका स्वागत है।
जश्न मनाने के मैं कई सारे कारण गिना सकता हूं, लेकिन आज की रात मैं तीन कारणों पर चर्चा करूंगा:
- महारानी का विशिष्ट 90वां जन्मदिन;
- कर्नाटक राज्य के साथ साझेदारी का एक पूर्ण और सफल साल तथा
- नाटककार, कवि और अभिनेता विलियम शेक्सपियर का 400वां जन्मदिन।
और आपमें से कुछ लोग जानते होंगे कि महरानी के दो जन्मदिन हैं:
- उनका वास्तविक जन्मदिन 21 अप्रैल को पड़ता है और
- वह अपना औपचारिक जन्मदिन शनिवार (11 जून) को मनाती हैं।
शनिवार को लंदन में महारानी ‘ट्रूपिंग द कलर’ होंगी जहां उनके द्वारा हॉर्स गार्ड पैरेड में हाउसहोल्ड डिविजन का निरीक्षण करने की संभावना है। इसका सीधा प्रसारण भारत में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस पर 2:30 बजे दिन में होगा, कृपया अपना रेडियो ट्यून करें। बाद में एक ‘फ्लाईपास्ट’ और एक विशाल सार्वजनिक स्ट्रीट पार्टी मॉल में, और ब्रिटेन के शहरों, महानगरों में आयोजित होगी जहां लोग आवासीय सड़कों को बंद कर अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर जश्न मनाएंगे – जैसा कि आज रात हम कर रहे हैं।
माननीया महारानी ब्रिटेन की सबसे लंबे राजकाल वाली मोनार्क हैं। उन्होंने पिछले साल सितंबर में अपनी दादी महारानी विक्टोरिया के राजकाल की अवधि को पीछे छोड़कर इस स्थिति को प्राप्त किया। उन्होंने अपने देश और राष्ट्रमंडल को अपने 64 साल की सेवा समर्पित की है और उन्हें उन सबका प्यार हासिल है।
वैश्विक मामलों में उनका अनुभव और उनके संपर्क किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री के लिए एक धरोहर की तरह है। जब इन दोनों की साप्ताहिक मुलाकात होती है तो प्रधानमंत्री दैनिक मामलों में सलाह देते हैं और खुद भी सलाह प्राप्त करते हैं। अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ महारानी ने तीन बार भारत की यात्रा की है, पहली बार 1961 में जब वह बेंगलुरु और लाल बाग उद्यान पधारी थीं, उसके बाद 1983 में राष्ट्रमंडल राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में भाग लेने और फिर 1997 में। शाही यात्राओं का दौर जारी है। इस अप्रैल हमने भारत में ड्यूक और ड्चेस ऑफ कैम्ब्रिज का स्वागत किया। यह यात्रा शाही दंपत्ति द्वारा गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और प्राणी संरक्षण के कल्याणकारी प्रयासों पर केन्द्रित थी। प्रसिद्ध क्रिकेटरों, बॉलीवुड स्टार्स और इनोवेशन लीडर्स ने दोनों देशों और दुनिया भर के प्रेस का ध्यान आकर्षित किया। यह सब हमारी उस उम्मीद को बल देता है कि शाही दंपत्ति और भारत के बीच आने वाले वर्षों में भी घनिष्ठ और टिकाऊ संबंध कायम रहेगा।
कर्नाटक के साथ ब्रिटिश साझेदारी
बेंगलुरू में कर्नाटक राज्य के साथ ब्रिटिश साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। ब्रिटिश वाणिज्य कार्यालय, बैंगलोर की स्थापना 1994 में की गई थी। हमें इस बात का गर्व है कि शहर में ऐसा कार्यालय खोलने वाला पहला देश ब्रिटेन था। 2009 में इस कार्यालय को समुन्नत कर उप-उच्चायोग बना दिया गया। आज बीडीएचसी (जैसा कि हम इसे कहते हैं) बिदेशों में ब्रिटेन के सबसे बड़े एकलदेशीय राजनयिक नेटवर्क का एक अभिन्न अंग है। हमें ब्रिटिश लाइब्रेरी के साथ अवस्थित होने की खुशी है जो कि भारत में ब्रिटिश काउंसिल नेटवर्क का अंग है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिटेन और भारत एक ‘अपराजेय संयोजन’ हैं। बीडीएचसी में हमें साझेदारी के यूके/कर्नाटक आयाम पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन हम यह काम अकेले नहीं कर सकते। हमारी सफलता आपके साथ सहभागिता पर आधारित है।
2015/16 में हमने कई सफलताएं देखीं।
ये हैं:
- वितरित विनिर्माण के लाभ पर केन्द्रित एडवांस्ड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हमारा अभियान आगे बढ़ा
- ‘भविष्य की दवा के निर्माण’ पर ब्रिटिश साझेदारी में भारतीय कंपनियों को काम करने हेतु प्रेरित करने वाले कार्यक्रम की शुरुआत
- फिन-टेक स्पेस में ब्रिटिश और भारतीय आईसीटी कंपनियों के साथ काम की शुरुआत
- बंगलोर की 5 नई कंपनियों को उनके परिचालन को निवेश के जरिए ब्रिटेन में लगाने के लिए मदद
- निम्न कार्बन ऊर्जा के क्षेत्र में ब्रिटिश और भारतीय कंपनियों के साथ काम
- जल सुरक्षा और जलवायु विज्ञान के क्षेत्र में सुधार शोध सहभागिता की स्थापना।
जून 2015 में शेवनिंग छात्र यहां बेंगलुरू में पहली बार एक समूह के रूप में एकत्र हुए। मुझे यह घोषणा करते खुशी हो रही है कि इसके एक साल बाद शेवनिंग एलमनाई इंडिया (सीएआई), बेंगलुरु चैप्टर की शुरुआत आज अपराह्न यहां के रिसेप्शन में हमारे नए उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्क्विथ द्वारा की गई;
सितंबर में, कोलार स्थित जीएसके के नवीनतम विनिर्माण केन्द्र के शिलान्यास समारोह तात्कालीन ब्रिटिश वाणिज्य और निवेश मंत्री लॉर्ड मॉड ने बेंगलुरु की यात्रा की। मुझे खुशी है कि जेम्स और उनकी टीम आज शाम हमारे साथ हो सकते हैं;
दिसंबर में, भारत और ब्रिटेन के बीच 200 मिलियन के शोध एवं नवोन्मेष के क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी, जिसकी शुरुआत न्यूटन भाभा कार्यक्रम से हुई, के प्रदर्शन हेतु ब्रिटिश विज्ञान एवं विश्वविद्यालय मंत्री जो जॉन्सन ने बेंगलुरू का दौरा किया। उन्होंने ब्रिटेन में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर भी चर्चा की और ब्रिटिश वीजा के बारे में बहुत सारी गलत अवधारणाओं का खंडन किया;
फरवरी में, ब्रिटिश वीजा प्रणाली में प्रस्तावित बदलाव पर टायर 2 के बड़ी संख्या में प्रयोक्ताओं से मशविरा करने ब्रिटिश आप्रवासन मंत्री जेम्स ब्रोकनशायर ने बेंगलुरु का दौरा किया। भारतीय कंपनियों ने अपने मामले प्रस्तुत करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाया;
फरवरी में, ‘इनवेस्ट कर्नाटक’ के यूके स्टैंड में अपने उत्पाद प्रदर्शित करने वाली 23 ब्रिटिश कंपनियों के साथ ब्रिटेन एक साझीदार देश था। मुझे खुशी है कि उस कार्यक्रम के पीछे के प्रेरक कारक के रूप में रहे माननीय मंत्री श्री देशपांडे आज रात हमारे साथ हो सकते हैं;
फरवरी में हमने भारत के बायो उद्योग के प्रमुख कार्यक्रम बैंगलोर इंडिया बायो में 20+ मजबूत ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल को में स्वागत किया;
दो दिन पहले हमने ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अध्यक्ष सर मैल्कम ग्रांट का स्वागत किया जो सर्जरी और जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में ब्रिटिश-भारतीय सहयोग के अवसरों पर चर्चा करने हेतु नारायण हृदयालय हॉस्पिटल के दौरे पर आए थे;
और आज रात हमारे साथ होगा ब्रिटेन के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज का एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल होगा, जो रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ में अपने लिए अवसर की संभावनाओं की तलाश में है।
सब कुछ सुचारू ही नहीं होता – मैं बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी रोक पाया जब एक स्थानीय रिपोर्टर ने मुझसे पूछा कि क्या सभी ब्रिटिश राजनयिकों के लिए जेम्स बॉन्ड के बारे में बहुत कुछ जानना जरूरी होता है- यह नवंबर में नई जेम्स बॉन्ड फिल्म ‘स्पेक्टर’ के स्थानीय प्रीमियर के पहले की बात है।
आज रात बड़े स्क्रीन पर चलाए रहे वीडियो लूप हमारी उपलब्धियों का पूरा व्योरा देते हैं जो हमने अपने संयुक्त प्रयासों से हासिल किए हैं और जिनपर हमें गर्व है।
शेक्सपियर उत्सव
जब मैंने इस साल के शेक्सपियर वार्षिकोत्सव का उल्लेख भारतीय सहयोगियों के साथ किया तो ज्ञात हुआ कि बहुत सारे भारतीय स्कूली बच्चे शेक्सपियर का पुण्य दिवस मनाकर खुशी महसूस करेंगे। एक स्कूली बालक के रूप में मैं शायद उस श्रेणी में आता हूं जो यह सोचता है कि शेक्सपियर का मेरे जीवन से क्या लेना देना। लेकिन शेक्सपियर हमारे दैनिक जीवन में रचे बसे हैं हैं।
आप कभी न कभी कठिन परिस्थितियों से गुजरे होंगे या आपने बहुत अच्छे समय देखें होंगे। आपको दोस्तों से तकलीफ मिली होगी या आपका मजाक बना होगा। इन भाषणों में तीन के प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण सीख मिलते हैं – ‘दोस्तों, रोमवासियों, देशवासियों, जरा सुनिए’, और समाजों पर भ्रष्टाचार और नैतिक क्षरण के प्रभाव – ‘डेनमार्क में कुछ गलत है’। शेक्सपियर महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रबल समर्थक थे (अच्छी… और बुरी… दोनों के लिए, लेडी मैकबैथ याद कीजिए)।
ब्रिटिश काउंसिल के एक सर्वे ने इस साल पाया कि शेक्सपियर को भारत में (83%) ब्रिटेन (58%) की तुलना में अधिक समझा गया है लेकिन दिलचस्प यह है दोनों ही आंकड़े ऊंचे हैं।
इस साल मैंने जागृति थिएटर में हैंडलबार्ड्स को एक कॉमेडी के रूप में ‘हैमलेट’ प्रस्तुत करते देखा और बैंगलोर के बार्डोलैटर्स ने कबन पार्क में बांस की झुरमुटों में ‘मिडसमर नाइट्स ड्रीम’ प्रस्तुत किया। यह उनका आखिरी प्रस्तुतिकरण था लेकिन आपके लिए विशेष उपाहार के रूप में आज रात वे ‘शेक्सपियर के नाटकों के दृश्य’ पेश करेंगे, इसलिए उन अनोखे वेशभूषा वाले मेहमानों से दूर न भागिएगा, अन्यथा आपका कुछ विशेष छूट जाएगा।
शेक्सपियर का यह वार्षिकोत्सव मनाने के क्रम में हम ब्रिटिश एयरवेज की ओर से बेंगलुरु से लंदन के दो ट्रैवलर प्लस रिटर्न एयर टिकट मुहैया कराने वाले हैं। हमें उम्मीद है को दोनों भाग्यशाली विजेता तथा अन्य जो इस साल ब्रिटेन की यात्रा करेंगे उन्हें लंदन तथा ब्रिटेन के विभिन्न हिस्सों में शेक्सपियर पर आयोजित अनेक समारोहों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। आप लंदन के ‘ग्लोब थिएटर’ की यात्रा कर सकते हैं या शेक्सपियर के जन्म स्थल स्ट्रैटफोर्ड जा सकते हैं- आपके पास व्यापक विकल्प हैं।
आज की संध्या का आयोजन ब्रिटिश उप-उच्चायोग तथा ब्रिटिश लाइब्रेरी के कर्मचारियों तथा दिल्ली की ‘ग्रेट’ टीम के अथक प्रयासों से संभव हो सका है जिन्होंने आज की रात के सारे कार्यक्रम तैयार किए हैं। मुझे राम्या राघवेन्द्र और उनकी योजना टीम को चुनने की खुशी है जिन्होंने कई महीनों तक कड़ी मिहनत की।
मैं हमारे बैंड ‘हार्ट टू हार्ट’ को धन्यवाद देना चाहूंगा जो आज हमारे लिए प्रस्तुतिकरण देंगे और आज की रात के कार्यक्रम को सफल करने के लिए हमारे उदार प्रायोजकों द्वारा धन और सामग्रियों से मदद देने के लिए उन्हें धन्यवाद अर्पित करता हूं।
इस साल के हमारे गोल्ड प्रायोजक हैं: इनफोसिस, डायनामिक टेक्नोलॉजीज, ब्रिटिश एयरवेज तथा लायका मोबाइल यूके; हमारे सिल्वर प्रायोजक हैं: बायोकॉन, रोल्स रॉयस इंडिया, टाटा एलक्सी, क्वेस्ट ग्लोबल इंजीनियरिंग तथा डियाग़ियो; हमारे ब्रॉन्ज प्रायोजक हैं: ड्यून ग्रुप, पेवर्स, मैकेज, मार्क्स एंड स्पेंसर्स, फुट हॉल, ट्विंग़्स तथा युनाइटेड ब्रूअरीज।
मेरे लिए अब बस। मैं अपनी बात इसके साथ खत्म करता हूं: ‘अगर हम दोस्त हैं तो बढ़ाइए अपने हाथ’।
आपकी आज की संध्या सुखद हो!