एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग & इनोवेशन कॉन्फ्रेंस, बेंगलुरु
ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त डोमिनिक मैकलिस्टर के 3 दिसंबर 2015 को दिए गए अभिभाषण की अनूदित प्रति।
एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित आज के इस सम्मेलन में आप सबका स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है।
यह कार्यक्रम भारत में सप्ताह भर चलने वाली गतिविधियों का हिस्सा है। मंगलवार को पुणे में आयोजित हमारे पहले कार्यक्रम में वाहन उद्योग क्षेत्र पर बल दिया गया। मेरे ब्रिटिश सहयोगी ने इसमें भाग लिया और उन्होंने इसे एक बड़ी सफलता बताई। प्रस्तुतिकरण बेहतरीन रहा और बड़ी जोरदार परिचर्चा चली। आज के इस कार्यक्रम से मुझे बहुत उम्मीद है।
ये सम्मेलन ब्रिटेन के ग्रेट अभियान के अंग हैं, खास तौर पर “इंजीनियरिंग इज ग्रेट” के। ब्रिटेन में हम अपने अतीत पर गर्व करते हैं और अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं। हम उन चीजों का उत्सव मनाना चाहते हैं जिनसे युनाइटेड किंगडम को विशिष्टता प्राप्त होती है। विनिर्माण तकनीक, इनोवेशन और उन्नत इंजीनियरिंग हमारी ताकत हैं। ब्रिटेन में हम इस बात को लेकर भी स्पष्ट हैं कि भारत भी महान है, और साथ मिलकर हमारी महत्ता और भी बढ़ जाती है। ब्रिटेन की हालिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी के शब्दों में: हम एक “अपराजेय संयोजन” प्रस्तुत करते हैं।
मुझे खुशी है कि यहां मौजूद आपमें से कई लोग तकनीक, उपकरण और मशीनरी; महत्वपूर्ण एयरोस्पेस कंपोनेंट्स;, या डिजायन सॉल्यूशन ब्रिटेन से मंगाते हैं।
ब्रिटेन के विशिष्ट तकनीक और नवप्रवर्तन की बेहतरीन सुविधा वाले माहौल में आपमें से कुछ ने अपना व्यवसाय ब्रिटेन में स्थापित किया है।
लेकिन मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक भारतीय और ब्रिटिश कंपनियां साथ मिलकर करें।
क्या आप जानते हैं……..
- ब्रिटेन दुनिया एक सर्वाधिक व्यवसाय हितैषी स्थान है – यही कारण है कि भारतीय कंपनियों द्वारा शेष ईयू की तुलना में अकेले ब्रिटेन में अधिक निवेश किया जाता है;
- ब्रिटेन में व्यवसाय स्थापित करने में केवल 13 दिन लगते हैं;
- जी20 में ब्रिटेन का कॉरपोरेशन टैक्स सबसे कम है;
- ब्रिटेन अमेरिका को छोड़कर किसी भी अन्य देश से अधिक एफडीआई आकर्षित करता है;
- विदेशी खरीदारों के लिए यूके एक्सपोर्ट फाइनांस के पास साख और प्रत्यक्ष ऋण की आकर्षक योजनाएं हैं;
- ब्रिटेन में कम श्रम लागत, लोचशील कानून, स्थायी मुद्रा और विकसित अवसंरचना है;
- ब्रिटेन के समग्र और सक्षम विज्ञान एवं नवप्रवर्तन का ढांचा ब्रिटेन में काम करने वाली कंपनियों को विदेशी बाजारों में अत्याधुनिक तकनीक मुहैया करने की सुविधा देता है और दुनिया भर की प्रमुख विनिर्माण कंपनियों के लिए ब्रिटेन में अनेक प्रकार के आकर्षक निवेश और आर&डी अवसर उपलब्ध कराता है।
और ब्रिटेन के लिए भारत से बढ़कर अधिक महत्वपूर्ण सहभागिता के अवसर अन्यत्र कहीं नहीं।
भारत अब विदेशी तकनीक को अपनाकर विनिर्माण करने के मॉडल से आगे ‘मेक इन इंडिया’ के उस दिशा में अग्रसर है जहां प्रौद्योगिकी का विकास देश में किए जाने पर बल दिया जाएगा। आगे बढ़ने के लिए भारत हमेशा से यह समझता रहा है कि नई खोजों को प्रोत्साहित करना, उन्हें पोषित करना, उनके लिए कोष उपलब्ध कराना, उन्हें व्यवसाय से जोड़ना और उनका प्रसार करना महत्वपूर्ण है।
हम यह काम साथ मिलकर बखूबी कर सकते हैं। भारत और ब्रिटेन के संबंध फल-फूल रहे हैं। हमारा लक्ष्य इसे और भी मजबूत बनाने का है। हमारे बीच के इस संबंध के मद्देजनर, हमें और भी अधिक महत्वाकांक्षी होना चाहिए। विनिर्माण के क्षेत्र में, खासकर एयरोस्पेस के क्षेत्र में नई साझेदारियों के निर्माण के वास्तविक अवसर उपलब्ध हैं।
हमने साथ मिलकर बहुत कुछ किया है:
- 2008 से संयुक्त भारतीय/ब्रिटिश शोध वित्तीयन 10 लाख पाउंड से बढ़कर 20 करोड़ पाउंड के स्तर पर पहुंच चुका है;
- इस साल अक्टूबर महीने में ब्रिटेन के विज्ञान और इनोवेशन नेटवर्क ने यूकेटीआई के साथ मिलकर भारतीय अकैडेमिक्स और सीटीओ के एक प्रतिनिधिमंडल को ब्रिटेन के कैटापल्ट सेंटर ले जाकर दिखाया गया कि किन क्षेत्रों में सहयोग के अवसर बनते हैं। ये सेंटर बेहतरीन ब्रिटिश व्यवसायी, वैज्ञानिक और इंजीनियर उपलब्ध कराते हैं जिन्हें साथ लेकर लेट स्टेज आर&डी के काम किए जा सकते हैं। यह गतिविधि नई उभरती साझेदारियों को बढ़ावा देती है और आज ये कैटापल्ट वापस आकर हमारे साथ हैं।
- भारत के साथ विज्ञान और नवप्रवर्तन के क्षेत्र में साझेदारी के लिए 5 साल तक ब्रिटेन सालाना 1 करोड़ पाउंड (100 करोड़ रुपए) लगाने के लिए प्रतिबद्ध है;
- न्यूटन-भाभा प्रोग्राम के जरिए ब्रिटेन और भारत साथ-साथ काम कर रहे हैं – इसमें शामिल है 50 लाख पाउंड का सहभागिता आधारित औद्योगिक आर&डी कार्यक्रम जो स्वच्छ प्रौद्योगिकी और धारणीय स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ब्रिटेन और भारत के अकादमीशियनों और औद्योगिक स्थापना परियोजनाओं की मदद करता है।
अब मैं वापस आज के एयरोस्पेस के मूल विषय पर वापस चलता हूं। हमारे ब्रिटिश वक्ता इन क्षेत्रों से आते हैं:
- जो ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में सालाना 24 अरब पाउंड का योगदान देते हैं और जिनमें 2,30,000 लोगों को रोजगार प्राप्त है।
- ये उत्पादित माल का 75% निर्यात करते हैं और इससे विश्व बाजार में ब्रिटेन की हिस्सेदारी 17% होती है;
- कैटापल्ट जैसी संस्थाओं के जरिए अकादमी-उद्योग संबंध की समृद्ध परंपरा का लाभ उठाते हैं;
- ये अत्यंत सक्रिय एयरोस्पेस ट्रेड एसोसिएशन एडीएस की सहायता करते हैं जो अपने क्षेत्रीय एयरोस्पेस क्लस्टरों की सहभागिता से 3000 या उससे अधिक ब्रिटिश एयरोस्पेस कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कृपया हमारे अतिथियों के स्वागत में आप हमारे साथ रहें। मुझे बताया गया है कि यह शायद बेंगलुरू आने वाले सबसे बड़े क्षेत्र विशिष्ट समूहन में से एक है।
श्रोताओं में यूकेटीआई और यूके साइंस एंड इनोवेशन नेटवर्क के मेरे सहयोगी भी हैं। वे यहां आपकी जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे।
मैं बेंगलुरू में केवल एक महीने रहा हूं लेकिन मैं इस शहर की क्षमताओं और अवसरों से सचमुच अचंभित हुआ।
मुझे पूरी उम्मीद है कि आप सब को आज का कार्यक्रम उपयोगी लगा होगा।
धन्यवाद।
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