भाषण

'भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में ब्रिटेन मदद कर सकता है और वह इसके लिए तैयार है'

सोमवार 25 दिसंबर 2014 को नई दिल्ली के ग्रेट बिजनस कॉनफ्रेंस में ब्रिटिश उप-प्रधानमंत्री निक क्लेग के अभिभाषण की अनूदित प्रतिलिपि।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
The Rt Hon Nick Clegg

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भारत का आवेग और ऊर्जा

सम्मानित अतिथिगण, देवियों और सज्जनों… विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु भारत में होने वाले चहल-पहल को उसकी आर्थिक इंजन के पुनर्जीवन के स्वर के रूप में देखते हैं।

उस ऊर्जा और आवेग ने इस देश को दुनिया में सबसे तेज गति से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में ला खड़ा किया है। नई सरकार द्वारा निवेश, रोजगार और संवृद्धि पर फोकस करने के साथ ही भविष्य के लिए भारत की महत्वाकांक्षाएं और भी अधिक बड़ी हो गई हैं।

नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के अभियान का नारा था ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’। मेरा आज का संदेश यही है कि ब्रिटेन भारत के उज्जवल भविष्य के निर्माण में मदद कर सकता है और वह इसके लिए तैयार है।

ब्रिटेन-भारत सहभागिता

भारत को निवेश चाहिए – ब्रिटेन जी20 देशों में सबसे बड़ा निवेशक है और उसकी योजना और भी बहुत कुछ करने की है।

भारत को चाहिए अधिक व्यापार: हमारा द्विपक्षीय व्यापार 16 अरब पाउंड से अधिक है और लगातार बढ़ रहा है।

भारत को पूंजी की तलाश है: लंदन शहर दुनिया का प्रमुख वित्तीय केन्द्र है।

भारत का ध्यान अपनी अधिसंरचना (इनफ्रास्ट्रक्चर) के आधुनिकीकरण पर है: इसे संभव करने के लिए ब्रिटेन के पास निवेश है, विशेषज्ञता और अनुभव है।

अंततः, भारत को अपनी बढ़ती युवा जनसंख्या को सर्वोत्तम रोजगार दिलाने के लिए समुचित दक्षता से लैस करने की आवश्यकता है: भारत सरकार को इस कार्य में मदद के लिए ब्रिटेन के पास विश्व-स्तरीय शिक्षा क्षेत्र है।

यह दौरा क्यों महत्वपूर्ण है

इसीलिए तो मैं यहां आया हूं – भारत में नई सरकार के गठन के बाद प्रथम ब्रिटिश व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए।

अधिक रोजगार और संवृद्धि के एक साथ सृजन के लिए हम अपने दोनों देशों के बीच सशक्त संबंधों का निर्माण करना चाहते हैं।

मेरे साथ दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए शिक्षा, एयरोस्पेस, खाद्य और पेय तथा रिटेल जैसे उच्च-महत्व वाले क्षेत्रों की प्रमुख ब्रिटिश कंपनियों के प्रतिनिधि हैं।

वे या तो इस बाजार में स्थापित हैं और आगे वे अपना विस्तार चाहती हैं या फिर उपलब्ध होने वाले स्वर्णिम अवसरों को प्रात करने की आकांक्षा लिए यहां आए हैं।

शिक्षा

उदाहरण के लिए, ब्रिटेन की कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शिक्षा प्रदाताओं के भारत में पहले से कार्यालय स्थापित हैं: ये हर साल हजारों भारतीय छात्रों को ब्रिटेन आने के लिए आकर्षित करते हैं।

जबकि भारत अपने खुद के शिक्षा क्षेत्र के विस्तार की दिशा में अकादमिक और व्यावसायिक दोनों स्तरों पर काम कर रहा है, अधिक से अधिक छात्र विनिमयों, संयुक्त शोध परियोजनाओं और शिक्षण सहभागिताओं के जरिए हम उन संबंधों को मजबूत बनाना चाहते हैं।

उदाहरण के लिए, आज ब्रिटेन की शिक्षा कंपनी ग्लोबल एजुकेशन मैनेजमेंट ने व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने हेतु एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ एक महत्वपूर्ण नए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

जेनरेशन-यूके इंडिया

हम चाहते हैं कि हर कोई जाने कि भारतीय छात्रों का ब्रिटेन में हार्दिक स्वागत है। और हम चाहते हैं अधिक से अधिक ब्रिटिश छात्र यहां आएं।

इसीलिए हम भारत के साथ 25,000 ब्रिटिश छात्रों का संबंध विकसित करने के लिए अपना नया जेनरेशन-यूके इंडिया कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं जिससे उन्हें उनके संपूर्ण जीवन में लाभ मिलेगा और भविष्य में व्यावसायिक साझेदारी के निर्माण में मदद मिलेगी।

यदि आपका व्यवसाय इसमें शामिल होने को इच्छुक है तो कृपया ब्रिटिश काउंसिल से संपर्क करें।

एयरोस्पेस

विश्व एयरोस्पेस उद्योग के प्रमुख खिलाड़ी के रूप में ब्रिटेन भारत को इस महत्वपूर्ण बाजार में उसकी बढ़त मजबूत करने में भी सहायता कर सकता है।

हमारा एयरोस्पेस उद्योग– जिसमें रॉल्स रायस, बीएई सिस्टम्स एयरबस और कोभम तथा ग्रुप रोड्स, रेनिशॉ जैसी छोटी कंपनियां और पैटन एयर जैसी लोजिस्टिक्स कंपनी– दुनिया में कुछ सबसे प्रमुख एयरक्राफ्ट कंपोनेंट्स का उत्पादन और आपूर्ति करता है।

दुनिया के आधे यात्री जेट ब्रिटेन में बने डैनों का इस्तेमाल करते हैं। हर 2.5 सेकेंड पर एक हवाई जहाज उड़ान भरता है जिसमें शक्तिशाली रॉल्स-रॉयस इंजन लगा होता है और संपूर्ण ब्रिटेन की आपूर्ति श्रृंखला की प्रमुख कंपनियां यहां मेरे साथ हैं जो भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर इन तकनीकों का और अधिक विकास करना चाहती हैं।

रिटेल

रिटेल के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़ना चाहते हैं। केवल 2 वर्षों के समय में अनुमान किया जाता है कि भारत का आधुनिक रिटेल बाजार 175 से 200 अरब डॉलर के बीच होगा जिसकी सालाना वृद्धि दर 25% होगी।

विश्व-विख्यात हाई स्ट्रीट और लक्जरी ब्रांड्स जैसे पॉल स्मिथ, बर्बेरी, हैमलेज, डेबेनहम्स और बॉडी शॉप के साथ ब्रिटेन भारत के उपभोक्ताओं को अत्याधुनिक, उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पाद उपलब्ध कराने में मदद के लिए तैयार है।

इसलिए, आज मैं यह घोषणा करने में प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं कि ब्रिटिश शू कंपनी पेवर्स भारत में 1 करोड़ पाउंड का निवेश करने जा रही है जिसके तहत भारत में इसके स्टोर्स की संख्या 35 से बढ़कर 100 होगी और भारत तथा ब्रिटेन में नए रोजगार पैदा होंगे।

ब्रिटेन में निवेश

लेकिन हमारी इस यात्रा का मकसद केवल ब्रिटिश कंपनियों को भारत लाना नहीं है। हमारा उद्देश्य यह भी है कि अधिक से अधिक संख्या में भारत के उद्यमियों को ब्रिटेन के खुले व्यावसायिक माहौल, प्रतिस्पर्धी कर-व्यवस्था और लोचशील कार्यबल का लाभ मिले।

संपूर्ण ईयू की तुलना में ब्रिटेन अधिक भारतीय निवेश आकर्षित करता है: भारत की तेज वृद्धि वाली कई कंपनियां, जैसे टाटा, विप्रो और इनफोसिस ब्रिटेन में सफलतापूर्वक काम कर रही हैं और उन्होंने पिछले साल 19 अरब पाउंड का लाभ अर्जित किया।

हमारे लोग

एक अंश में यह हमारे लोगों के बीच कायम निकट-संबंधों तक पहुंचता है। दुनिया भर में विदेशों में रहने करने वाली दूसरी सबसे बड़ी भारतीय प्रवासी जनसंख्या ब्रिटेन में निवास करती है जिससे हमारे दोनों समाज के बीच संबंध कायम होते हैं और इस पूरी यात्रा के दौरान मैं भारतीय निवेश के लिए ब्रिटेन के एक प्रमुख गंतव्य होने की बात को बार-बार डंके की चोट पर दुहराता रहूंगा।

अच्छे दिन आने वाले हैं

आज यहां मौजूद हर ब्रिटिश कंपनी आपके साथ व्यवसाय करना चाहती है। ब्रिटिश सरकार उन्हें सहायता देने को कृतसंकल्प है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि ब्रिटेन और भारत में हम अधिक रोजगार, विकास और समृद्ध भविष्य के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार कर सकते हैं। अच्छे दिन आने वाले हैं।

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प्रकाशित 25 अगस्त 2014