भाषण

'नारीवाद, इस क्रांतिकारी विचार को निरूपित करता है कि स्त्री भी मनुष्य है'

युवाओं को महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के लिए मंगलवार, 17 मार्च 2015 को दिए भाषण की लिखित प्रतिलिपि।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Sir James Bevan

महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने तथा सभी प्रकार के सामाजिक भेदभाव से निपटने के प्रति व्यक्तिगत समर्थन करने के लिए यहां आने की मुझे अत्यंत प्रसन्नता है ।

यह मेरे लिए व्यावसायिक रूप से अहम है- जब तक कोई देश कुछ लोगों की बजाए अपने सभी लोगों की प्रतिभाओं का उपयोग नहीं करेगा, तबतक वह फल-फूल नहीं सकता।

पर तीन लड़कियों के पिता के रूप में व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए महिलाओं के अधिकार भी मायने रखते हैं। मेरी सबसे छोटी बेटी अपना सत्रहवाँ जन्मदिन मना रही है: और मैं चाहता हूं कि वह ऐसी दुनिया में पले-बढ़े, जहां उसकी उपलब्धि की कोई सीमा न हो।

सबसे पहले मैं आप सभी को बधाई देना चाहता हूं। आज की सुबह यहां उपस्थिति आप सभी युवा भारतीय इसलिए यहां हैं क्योंकि आप खास हैं। आपने कड़े चयन प्रक्रिया को झेला है। आपकी प्रोफाइल्स बताती हैं कि आपने पहले ही अविश्वसनीय चीजें हासिल की हैं। संदेश एक ही है: अपने आप में भरोसा रखें, क्योंकि आप इसकी काबिल हैं।

दूसरा संदेश: यदि आप जो कर रहे हैं वह कठिन प्रतीत होता हो, यह इसलिए क्योंकि यह ऐसा ही है। दुनिया भर में महिलाओं तथा लड़कियों के खिलाफ हिंसा हजारों वर्षों से हर समाज में मौजूद रहा है। यदि इसे रोकना आसान होता तो हम ऐसा अब तक कर चुके होते।

नजरिये में बदलाव लाना हमेशा से ही कठिन रहा है। संस्कृति में गहरे जुड़े व्यवहार को बदलना तो और भी कठिन। उसमें निहित स्वार्थ उनके विशेषाधिकारों के खिलाफ उठ खड़ा होता है। जैसा कि गांधी जी ने कहा था: “पहले तो लोग आपको नजरअंदाज करेंगे, तब वे आप पर हंसेंगे, फिर वे आपसे मुकाबला करेंगे और तब आपकी जीत होगी।” आप मुकाबले के चरण पर हैं। अगला चरण आपकी जीत है।

तीसरा संदेश: हम-आप प्रगति कर रहे हैं। निःसन्देह, महिलाएं, लड़कियां, जो सामाजिक रूप बहिष्कृत हैं उन्हें यहां भारत समेत अभी भी पूरी दुनिया भर में कई सारी चुनौतियां झेलती हैं। 21वीं सदी के बारे में सबसे बड़ा तथ्य है कि चीजें अब बेहतर हो रही हैं। धीरे-धीरे हो रही है, और बिना संघर्ष के नहीं। पर वे बेहतर हो रही हैं।

दुनिया भर में अब ज्यादा संख्या में लड़कियां स्कूल जा रही हैं- और यदि सफल विकास की कोई जादूई छड़ी होती तो वह होती - लड़कियों को शिक्षित करना। दुनिया भर में महिलाएं अब कार्यबल का हिस्सा बन रही हैं, अब वे राजनीति में अधिक सक्रिय हैं, अपने जीवन के बारे में अधिक से अधिक फैसले ले रही हैं: यानी कब उन्हें शादी करनी है, कब बच्चे करने हैं, कहां रहना है, कहां काम करना है, क्या पहनना है, किसे वोट करना है, अपने समय को कैसे व्यतीत करना है।

चौथा संदेश: आप अकेले नहीं हैं। जैसा कि फ्रेंच लेखक विक्टर ह्यूगो ने कहा था: “दुनिया भर की सभी ताकतें उतनी ताकतवर नहीं हैं, जितना की वह विचार जिसका समय आ चुका होता है।” और वह मानना कि हर किसी के समान अधिकार हैं, एक ताकतवर विचार है, जिसे हराया नहीं जा सकता है। नारीवाद एक क्रांतिकारी विचार है, जो मानता है कि महिलाएं भी इंसान होती हैं।

इसलिए महिलाओं, लड़कियों तथा समाज के बहिष्कृतों, हाशिए पर रहने वालों के अधिकारों के लिए लड़ने का अर्थ है कि आप इतिहास के सही पक्ष पर टिके हैं। और यह साझी लड़ाई है। दुनिया के अन्य देशों की तरह ही इस बारे में ब्रिटेन की अपनी चुनौतियां हैं। साथ मिलकर काम कर हम एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं और आपस में सीख सकते हैं। साथ मिलकर हम और मजबूत बन जाते हैं।

यहां भारत में सामाजिक परिवर्तन के लिए शक्तिशाली गठबंधन में इजाफा हो रहा है। प्रधान मंत्री श्री मोदी ने खुद भी महिलाओं तथा लड़कियों के खिलाफ हिंसा के बारे में कहा है। इस महान देश की अपनी यात्रा के दौरान हर कहीं जहां मैं लोगों से मिला- चाहे वे राजनेता हों, नौकरशाह हों, एमपी, व्यवसायी, लेखक, रिपोर्टर, कलाकार, कार्यकर्ता हो, वे सभी महिलाओं के अधिकारों और सभी के लिए न्याय के लिए काम कर रहे हैं। मैं उन सभी की सराहना करता हूं।

भारत से मुझे काफी उम्मीद है। मुझे लगता है यह एक महान देश है जिसका भविष्य उज्जवल है। पर भविष्य के बारे में अनुमान लगाने के लिए सर्वोत्तम तरीका है उसका संधान करना। मैं आप सभी को प्रोत्साहित करता हूं कि आप बाहर जाइए और उस भारत का संधान कीजिए, जो आप चाहते हैं।

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प्रकाशित 17 मार्च 2015