महिलाओं के प्रति हिंसा समाप्ति हेतु केरल में ब्रिटेन के समर्थन से आयोजित कार्यशालाओं में बीना सेबेस्टियन की टिप्पणियां
उद्घाटन समारोह 5 दिसंबर 2015 को एर्नाकुलम, केरल स्थित सेंट टेरेसा कॉलेज में आयोजित किया गया।
केरल एक आदर्श राज्य है और कई मामलों में यह अग्रणी है, जैसे- राज्य निर्भया, जेंडर पार्क, कुदुम्बश्री, महिला आयोग, बाल अधिकार आयोग, पंचायत और स्थानीय निकायों की राजनैतिक प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी अथवा उनका एमएलए या एमपी होना। लेकिन इसके साथ ही उत्पीड़नकारी और पुरुषवादी मानसिकता वाली ताकतें भी मौजूद हैं जो लोगों के दैनिक व्यवहारों और घटनाओं से परिलक्षित होता है। इस परिदृश्य को बदलने हेतु लैंगिक संवेदनशीलता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, कदम भले ही छोटे हैं फिर भी वे आगे की ओर ले जाने वाले हैं और इनके सहारे प्रगति के लंबे और अनिवार्य मार्ग पर, समानता की दिशा में निश्चित तौर पर बढ़ा जा सकता है।
आपके प्रोग्राम शीट में आपके पास पहले से ही कार्यशालाओं की एक व्यापक पृष्ठभूमि है इसलिए मैं थोड़ा इनके बारे में बताने के लिए थोड़ी ही समय लूंगा। 6 दिसंबर को एक दिवसीय कार्यशाला 30 लोक अभियोजकों के लिए है जिसका संयोजन केरल के लोक अभियोजक निदेशालय के साथ मिलकर किया गया। कई ऐसे हैं जिनका अपने जिलों में प्रभावशाली स्थान है और कुछ के प्रभाव तो एक से अधिक जिलों तक हैं। संपूर्ण केरल में इन समूहों तक पहुंचने में डीपीपी के पास दीर्घकालीन और बहुत ही प्रभावी कार्यप्रक्रिया रही है और इस कार्यशाला को सफल बनाने में उनकी सहायता मिलने की हमें खुशी है। केरल उच्च न्यायालय के अभियोजन महानिदेशक एडवोकेट आसफ अली का हम शुक्रिया अदा करते हैं।
7-8 दिसंबर को 55 पुलिस अधिकारियों के लिए अयोजित कार्यशाला का संयोजन त्रिसूर की पुलिस अकादमी की सहभागिता में किया गया है। इस समूह में शामिल हैं सब-इंस्पेक्टर, सर्किल इंस्पेक्टर, डेप्युटी एसपी, पुलिस अकादमी के प्रशिक्षु। पुलिस अकादमी के पास केरल भर में अधिकारियों के ज्ञान और व्यवहार के बार में अद्यतन जानकारी पाने हेतु एक सुव्यवस्थित मंच है और इस कार्यशाला को सफल बनाने में उनकी सहायता पाकर हम सचमुच बेहद खुश हैं। हम केरल के डीजीपी और कोची सिटी पुलिस कमिश्नर तथा आईजी को उनके प्रोत्साहन और सहायता के लिए धन्यवाद देते हैं और त्रिसूर पुलिस अकादमी में आईजी, प्रशिक्षण सुरेश पुरोहित जी का शुक्रिया अदा करते हैं।
9-10 दिसंबर को आयोजित कार्यशाला 45 वकीलों केईएलएसए, विभिन्न जिलों के बचाव अधिकारियों, क्षेत्रीय संयोजक, राज्य संयोजक- सामाजिक कल्याण बोर्ड तथा सेवा प्रदायन केंद्रों के वकीलों के लिए है। इसका संयोजन केरल सरकार के विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर किया जा रहा है। केईएलएसए भारत का एक विशिष्ट एलएसए है और इसकी ख्याति संपूर्ण राज्य में विविध प्रकार की कानूनी सेवाएं प्रदान करने की रही है चाहे यह लोक अदालत हो या जिला और तालुका स्तर की सेवाएं हों। इस कार्यशाला को सफल बनाने में उनकी सहायता पाने की हमें खुशी है। माननीय प्रधान न्यायाधीश अशोक भूषण, केईएलएसए के जज माननीय सी जयचंद्रन और केरल राज्य सामाजिक न्याय विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री शजहन, निदेशक श्री जिगेन्द्रन को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
संविधिक, न्यायायिक और पुलिस विभाग के कुल मिलाकर 130 अधिकारियों को संपूर्ण केरल से शामिल किया गया। इनमें से कई अपने जिलों में दूसरों के लिए प्रशिक्षक और संरक्षक हैं। इसलिए आने वाले सालों में केरल में इनका व्यापक असर पड़ेगा और हमें उम्मीद है कि यह असर रूपांतरकारी होगा। हम सामाजिक न्याय मंत्री डॉ एम के मुनीर के शुक्रगुजार हैं। हम जानते हैं कि जिस दिन से हमने इस प्रोजेक्ट पर उनके साथ चर्चा शुरू की वह तब से इसमें अत्यंत सहयोगी रहे हैं। केरल के सामाजिक न्याय विभाग के सहयोग और रुचि के लिए धन्यवाद कि ब्रिटिश सहायता से प्रकाशित और मलयालम में अनूदित पुस्तिकाओं को शीघ्र ही संपूर्ण केरल में उपलब्ध कराया जाएगा क्योंकि विभाग इनकी व्यापक स्तर पर छपाई और इन्हें इनके लक्षित समूहों तक पहुंचाने के लिए अत्यंत उत्सुक है।
इन कार्यशालाओं में शामिल होने वाले कानूनी, न्यायायिक और पुलिस प्रतिनिधियों को नई दिल्ली, मुंबई और इन्दौर के विशेषज्ञों से मिलने वाली जानकारियों से लाभ होगा जो राष्ट्रीय संदर्भ प्रस्तुत करेंगे। अन्य संसाधन कर्मी और वरिष्ठ वक्ता केरल का संदर्भ प्रस्तुत करेंगे। इनमें शामिल हैं वरिष्ठ न्यायाधीश, वकील, पुलिस अधिकारी, मनोवैज्ञानिक और सिविल सेवक। केरल राज्य बाल अधिकार आयोग के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
अब इस परियोजना को कार्य रूप देने वालों के लिए दो शब्द: एचआरएलएन वकीलों और समाजिक कार्यकर्ताओं की एक राष्ट्रव्यापी प्रयास है जिसका उद्देश्य है महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा को रोकने की दिशा में काम करना। सीएपी शांति, न्याय और महिला एवं बाल अधिकारों के क्षेत्र में काम करता है। पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए सीएपी केरल राज्य सामाजिक न्याय विभाग के साथ मिलकर काम करता है, महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए केरल सरकार की पुलिस समिति के साथ सहयोग करता है और भारत के घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत आधिकारिक सेवा प्रदान करता है। दिल्ली के लॉयर्स कलेक्टिव मानवाधिकार के क्षेत्र में एक प्रमुख कानूनी सहायता प्रदाता है और इसने पीडब्ल्यूडीवीए, पीओसीएसओ और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में कानूनी भूमिका निभाता है। और इस परियोजना में ब्रिटिश उप-उच्चायोग, चेन्नई के समस्त सहयोग के लिए हम उनके प्रति हार्दिक आभार प्रकट करते हैं।
स्टुअर्ट एडम, प्रमुख,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चाउयोग, चाणक्यपुरी
नई दिल्ली 110021
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मेल करें: आर फर्नांडिस
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